पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 26.pdf/६११

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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

(१६ जनवरीसे ३० अप्रैल, १९२५)

१६ जनवरी: गांधीजीने सोजित्रामें महिला परिषद्, बारिया क्षत्रिय परिषद् और अन्त्यज परिषद्में भाषण दिये। बारडोलीके लिए रवाना हुए।

१७ जनवरी: बारडोलीकी सार्वजनिक सभामें भाषण।

१८ जनवरी: वेडछीकी कालीपरज परिषद्में भाषण।

१९ जनवरी: सूरतसे अहमदाबादके लिए रवाना हुए।

२० जनवरी: अहमदाबाद पहुँचे।

२३ जनवरी: दिल्लीमें सर्वदलीय सम्मेलन समिति की बैठककी अध्यक्षता की। इस बैठकमें हिन्दू मुसलमानोंके बीच समझौतेकी रूपरेखा तथा स्वराज्यकी योजना बनाने के लिए एक उपसमिति नियुक्त करने के सुझावपर विचार किया गया।

२४ जनवरी: सर्वदलीय सम्मेलन समितिने एक उपसमिति नियुक्त की जिसके अध्यक्ष गांधीजी और महासचिव मोतीलाल नेहरू निर्वाचित हुए।

२६ जनवरी: मोतीलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत बंगाल अध्यादेशको रद करनेसे सम्बन्धित विधयक वाइसराय द्वारा अस्वीकृत।

२७ जनवरी: वाइसरायके अध्यादेश सम्बन्धी भाषणपर टीका करते हुए गांधीजीने समाचारपत्रोंके प्रतिनिधियोंसे कहा कि भारतीय एकमतसे अध्यादेशकी निन्दा करते हैं।

३ फरवरी: दिल्लीसे रावलपिंडीके लिए रवाना हुए।

४ फरवरी: कोहाटके दंगोंकी जाँच करनेके लिए शौकत अलीके साथ रावलपिंडी पहुँचे।

५ फरवरी: रावलपिंडीमें कोहाटसे आये हिन्दुओंके समक्ष भाषण। केन्द्रीय विधान सभामें बंगाल अध्यादेशके स्थानपर अधिनियम बनानेका प्रस्ताव पास किया गया।

६ फरवरी: रावलपिंडीमें गांधीजीने कोहाटके दंगोंके बारे में खिलाफत समितिके मन्त्री अहमद गुल और जमींदार कमाल जिलानीसे जिरह की और बयान दर्ज किये।

७ फरवरी: रावलपिंडीसे रवाना हुए।

८ फरवरी: दिल्ली पहुँचे; नेताओंसे मिले।

९ फरवरी: अहमदाबाद पहुँचे।

वाइसरायसे तार द्वारा मार्चके शुरूमें कोहाट जानेकी अनुमति माँगी।

१० फरवरी: सत्याग्रह आश्रमके निवासियोंके समक्ष कोहाटके हिन्दुओंके धर्मपरिवर्तनके विषयमें अपने विचार व्यक्त किये।

११ फरवरी: अंकलाव, बोरसद और भादरन गये, वहाँ भाषण दिये।

१२ फरवरी: भादरनके सेवा मण्डल द्वारा दिये गये अभिनन्दन-पत्रके उत्तरमें भाषण दिया।

वीरसदमें भाषण।