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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
नवसारी पहुँचे। अन्त्यज आश्रम तथा पारसियोंकी सभामें भाषण दिये।
'यंग इंडिया' में गांधीजीने लिखा कि वे कांग्रेसके बहुमतकी इच्छाके अनुसार काम करेंगे।
१८ अप्रैल: जम्बुसर नगरपालिकाने मानपत्र भेंट किया।
भड़ौंचके स्थानीय निकायने मानपत्र भेंट किया। तथा गांधीजीने एक सार्वजनिक सभामें भाषण दिया।
२३ अप्रैल: मलेरिया बुखारके बाद स्वास्थ्य-लाभके लिए तिथल पहुँचे।
२७ अप्रैल: तिथलसे बम्बईके लिए रवाना हुए।
फरीदपुरके बंगाल प्रान्तीय सम्मेलनके लिए कलकत्ता जाते हुए बम्बई रुके।
२८ अप्रैल: माधवबागमें अखिल भारतीय गोरक्षा मण्डलका संविधान प्रस्तुत करते हुए अ० भा० गोरक्षा सभामें भाषण दिया।
२९ अप्रैल: 'न्यू इंडिया' के प्रतिनिधिसे भारत राष्ट्रमण्डल विधेयकके सम्बन्धमें भेंट की।
३० अप्रैल: कलकत्ता जाते हुए नागपुर पहुँचे।