मद्रासमें ट्रिप्लिकेन नागरिक सहकारी समिति, मद्रास आयुर्वेदिक फार्मेसी तथा हिन्दी प्रचार समितिने मानपत्र भेंट किये।
गोखले हॉलमें मद्यनिषेध कार्यकर्त्ताओंको सभामें तथा महिला क्रिश्चियन कालेजमें भाषण दिय।
'स्वराज्य' कार्यालयमें सम्पादक और पत्र कर्मचारियोंने मानपत्र भेंट किया।
२६ मार्च: बम्बई पहुँचे।
'बॉम्बे क्रॉनिकल' के प्रतिनिधिके साथ हुई भेंटमें अपनी वाइकोम-यात्राकी सफलताका विश्लेषण किया।
महिलाओं तथा दलित वर्गवालोंकी सभाओंमें भाषण दिये।
बम्बई कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित कताई प्रतियोगिताका निरीक्षण किया तथा गिरगाँवमें काँग्रेस भवनका उद्घाटन किया।
अहमदाबादके लिए रवाना हुए।
कोहाट दुर्घटनाके सम्बन्धमें गांधीजी और मौलाना शौकत अलीका वक्तव्य 'यंग इंडिया' में प्रकाशित।
२९ मार्च: चित्तरंजन दासने एक घोषणापत्र में स्वराज्य दलकी दमन और हिंसा विरोधी तथा सरकारके साथ सहयोग सम्बन्धी नीतिका स्पष्टीकरण किया।
'नवजीवन' के लेखमें गांधीजीने राष्ट्रीय सप्ताहके दौरान लोगोंसे उपवास रखने, कातने और खादीका प्रचार करनेकी अपील की।
१ अप्रैल: काठियावाड़की यात्राके लिए, अहमदाबादसे बोटादके लिए रवाना हुए।
२ अप्रैल: मढडा ढसा और बगसराकी सभाओंमें भाषण दिये।
३ अप्रैल: पालीताणाके जैन मन्दिरोंमें गये; मानपत्रका उत्तर दिया।
मुनिश्री कर्पूरविजयजीके साथ साधुओंद्वारा चरखा चलानेके विषयपर विचार-विमर्श किया।
५ अप्रैल: लाठीमें भाषण।
६ अप्रैल: माँगरोलकी सार्वजनिक सभामें जिन लोगोंको अन्त्यजोंके साथ बैठने में आपत्ति थी, उन्हें समझाया।
६ से १३ अप्रैल: राष्ट्रीय सप्ताह मनाया गया।
९ अप्रैल: एक क्रान्तिकारीके प्रश्नोंके 'यंग इंडिया' में उत्तर दिये।
१० अप्रैल: लॉर्ड लिटनने चार महीने के लिए स्थानापन्न वाइसरायका पद ग्रहण किया।
११ अप्रैल: काठियावाड़की यात्राके पश्चात् गांधीजी बम्बई पहुँचे।
'बॉम्बे क्रॉनिकल' के प्रतिनिधिसे भेंट की।
१३ अप्रैल: बम्बई प्रान्तीय कांग्रेस कमेटी द्वारा जलियाँवाला बाग दिवसके उपलक्ष्यमें आयोजित सार्वजनिक सभामें भाषण दिया।
१५ अप्रैल: कराडी, गामदेवी और अमलसदमें भाषण।
१६ अप्रैल: सूपा गुरुकुलके ब्रह्मचारियोंके समक्ष भाषण दिया।