पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 27.pdf/१२९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
९९
पत्र : मणिबहन पटेलको

जाना चाहिए, क्योंकि वहाँ देवदास गया है। वह वहाँ अधिक तो क्या रहेगा? किन्तु वह स्थान है एकान्त। मैंने उसे देखा नहीं है। प्रशंसा सुनी है। आशा है, तुम स्वस्थ होगी। मुझे पत्र लिखती रहना।

बापूके आशीर्वाद
 

चि० वसुमती धीमतराय

दौलतराय काशीरामकी कम्पनी

गुजराती पत्र (सी० डब्ल्यू० ४६२) से।

सौजन्य : वसुमती पण्डित


४८. पत्र: मणिबहन पटेलको
वैशाख बदी ६, गुरुवार [१४ मई, १९२५]
 

चि० मणि,

तुम्हारा लम्बा पत्र पाकर प्रसन्नता हुई। स्त्रियोंमें काम करना मुश्किल तो है ही; मगर धीरजसे जितना हो सके तुम्हें उतना करते जाना चाहिए। डाह्याभाई आबू अथवा नवीबन्दर गये ही होंगे। अवश्य चूड़ियोंकी बात मेरे ध्यानमें है। मैं लाना नहीं भूलूंगा। वे ढाकेमें मिलती है और मुझे वहाँ दो-तीन दिनमें ही जाना है। क्या बापू' हवा खाने के लिए कहीं जानेवाले हैं ?

बापूके आशीर्वाद
 

चि० मणिबहन

द्वारा वल्लभभाई पटेल बैरिस्टर

अहमदाबाद

[गुजरातीसे]

बापुना पत्रो-४: मणिबहेन पटेलने




१. साधन-सूत्रके अनुसार।

२. शंखकी चूड़ियाँ, जो मणिबहनने गांधीजीसे मँगवाई थीं।

३. वल्लभभाई पटेल ।