पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 28.pdf/४८६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

 

२३७. पत्र : पी॰ ए॰ नारियलवालाको

साबरमती
७ नवम्बर, १९२५

प्रिय भाई,

पत्र और अनुदानके लिए धन्यवाद। इसे आप सीधे मन्त्री, अ॰ भा॰ चरखा संव, सत्याग्रहाश्रम, साबरमतीको भेजें तो अधिक सुविधा होगी।

हृदयसे आपका,
मो॰ क॰ गांधी

श्री [पी॰ ए॰] नारियलवाला
"रोज ली" अल्टामाँट रोड
खम्बाला हिल
बम्बई

अंग्रेजी पत्र (सी॰ डब्ल्यू॰ ९२७५) से।
सौजन्य : पी॰ ए॰ नारियलवाला
 

२३८. पत्र : शान्तिकुमार मोरारजीको

कार्तिक बदी ८ [८ नवम्बर, १९२५][१]

भाई शान्तिकुमार,

तुम्हारी ओरसे मुझे दो पत्र कच्छमें मिले थे। यदि शोलापुरके बारेमें सही हकीकत तुम्हारे हाथ लगी हो तो मुझे खबर देना। क्या तुम्हें इस झगड़ेके मूल कारणका पता चला है?

मोहनदासके आशीर्वाद

[पुनश्च :]

मेरा दायाँ हाथ नहीं चलता इसलिए बायेंसे लिखा है।
गुजराती पत्र (सी॰ डब्ल्यू॰ ४६९९) की फोटो-नकलसे।
सौजन्य : शान्तिकुमार मोरारजी।
 
  1. पत्रमें कच्छके जिक्रसे पता चलता है कि यह पत्र १९२५ में लिखा गया था।