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परिशिष्ट

हैनाके साथ सनके रेशोंको सुलझाया, (प्रत्येकने ५१ पौंड रेशे सुलझाये) धागा लपेटा, गायें दही, लिनेनकी कताई की, पचास गाँठे लगाईं, गियाना गहेंके डंठलोंकी झाड़ बनाई, स्वच्छ करनेके लिए धागे बुने, लाल रंग तैयार किया, श्रीमती टेलरके यहाँसे दो विद्यार्थी आये। मैंने दो पौंड शुद्ध ऊनकी धुनाई की, रस्सी बुनीं, बर्तनोंकी धुलाई की चरखा चलाने की आवाज, कुमारियोंके गीत और घड़ीकी टिक-टिक यह सभी समाप्त हो गये हैं। घरोंमें होनेवाली यह ठक-ठक अब केवल कारखानोंमें सुनाई देती है।

अब किसानोंके घरमें चरखेकी आवाज नहीं गूँजती। लेकिन चरखेकी उस गूनंजने हमारे दिलोंमें जो संगीत छेड़ा है, उसके कारण सौन्दर्यके नाते अब शिक्षाके मन्दिरोंमें वह संगीत गूँजना फिर शुरू हो गया है।

यहाँ प्राचीन हैम्स्टेडके घरेलू वातावरणमें चाटर हाउसमें चरखेका पहिया फिर घूमने लगा है और बुनाईकी घरेलू कला नया जीवन प्राप्त कर रही है और आधुनिक प्रिसीलाएँ अपने प्रिय चरखोंको फिर खोज रही हैं और कताई प्रतियोगिताएँ आरम्भ हो रही है।

लाँगफैलोको कविता 'द कोटशिप ऑफ माइल्ज़ स्टेंडिश' में हमें चरखेके गीतके लिए शब्द मिले हैं और इस कवितामें प्रिसीलाने चरखेके जादूके प्रति अपना प्यार उँडेला है।

वह सुन्दर, पवित्र नारी अपने चरखेसे सीवी उठी और अपने प्रियतमसे अपनी मितव्ययिताकी सराहना सुनकर प्रसन्नभावसे मेजपर रखी रीलसे अपने ही द्वारा कते सूतकी एक बर्फ-सी सफेद लच्छी निकाली।

और इसी बीच आल्डेनको खुशकरनेवाली प्रशंसाका उत्तर देते हुए बोली— 'आओ यदि मैं गृहणियोंके लिए आदर्श हूँ तो तुम्हें भी बेकार नहीं बैठना चाहिए।

तुम भी दिखा दो कि तुम पत्नियोंके लिए आदर्श पति हो सकते हो। इस लच्छीको पकड़ों जिससे मैं इसे बुनाईके लिए सुलझा सकूँ . . .'

इस प्रकार हास्य-विनोदके बीच उसने पतिके हाथमें लच्छीको ठीकसे पकड़ाया। वह अकरासके साथ बैठा था, उसके हाथ सामने फैले थे, वह सुघड़तासे सीधी खड़ी थी और उसको उँगलियोंमें फंसी लच्छीके धागे सुलझा रही थी।

कभी-कभी लच्छी पकड़नेके उसके भद्दे ढंगपर उसे डाँट देती थी, कभी कुशलतासे धागोंकी ऐंठन या गाँठ सुलझाते हुए उसका हाथ छू लेती थी क्योंकि छुए बिना और चारा ही क्या था?"

यदि किसीको प्रसीलाके प्रति पूर्वग्रह है, तो वह यह शान्तिप्रद कविता पढ़े और कताईके पीछे निहित भावना और घरमें होनेवाले इस गुंजनको ठीकसे समझे।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, १९–११–१९२५