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दक्षिण आफ्रिकाके सत्याग्रहका इतिहास

उनकी सलाहके बावजूद कोई भी भारतीय इस कानूनको मंजूर नहीं कर सकता और उसने स्त्रियों को कानूनसे मुक्त रखनेके विचारके कारण सरकारका आभार माना और वहाँसे चला आया। कानूनसे स्त्रियोंकी मुक्ति कौमके आन्दोलनके कारण हुई अथवा विचार करने के बाद श्री कटिसकी शास्त्रीय पद्धतिको अमान्य करते हुए लोक-व्यवहारके ख्यालसे स्वयं सरकारने उन्हें मुक्त किया, यह कहना कठिन है। सरकारी पक्षका यह दावा था कि इसका कारण कौमका आन्दोलन नहीं बल्कि सरकारका स्वतन्त्र रूपसे किया गया निश्चय है। कुछ भी हो, किन्तु काकतालीय न्यायसे कौमने तो यह मान ही लिया था कि इसका कारण केवल उसके आन्दोलनका प्रभाव ही है; इसलिए उससे हिन्दुस्तानियोंका लड़नेका उत्साह और बढ़ गया।

उस समयतक हम लोगोंमें से कोई यह नहीं जानता था कि कौमके इस विचार अथवा आन्दोलनको क्या नाम दिया जा सकता है। मैंने उस समय इस अन्दोलन- का परिचय 'पैसिव रेजिस्टेंस' (निष्क्रिय प्रतिरोध) नाम से दिया। में उस समय 'पेंसिव रेजिस्टेन्स' का मर्म भी पूरी तरह नहीं जानता या समझता था। मेरी समझ- में तो इतना ही आया था कि यह किसी नई वस्तुका जन्म हुआ है। लड़ाई ज्यों-ज्यों आगे बढ़ती गई त्यों-त्यों पैसिव रेजिस्टेन्स' नामके कारण उलझन बढ़ती गई और इस महान् युद्धका परिचय इस अंग्रेजी नामसे देनेमें मुझे लज्जा आने लगी। फिर यह शब्द ऐसा था कि कौमकी जबानपर चढ़ भी नहीं सकता था। इसलिए मैंने 'इंडियन ओपिनियन' में इसके लिए सबसे अच्छा नाम खोजनेवाले मनुष्यको एक छोटा-सा इनाम देनेकी घोषणा की। इसपर कुछ नाम आये । 'इंडियन ओपिनियन' में इस लड़ाईके मर्मका विश्लेषण तबतक भली-भाँति किया जा चुका था। इसलिए स्पर्धामें हिस्सा लेनेवाले लोगोंके सम्मुख पूरी सामग्री मौजूद थी, ऐसा कहा जा सकता है। इस होड़- में मगनलाल गांधीने भी हिस्सा लिया था। उन्होंने 'सदाग्रह' नाम भेजा था और इस शब्दको चुननेका कारण बताते हुए लिखा था कि कौमका यह आन्दोलन एक बड़ा आग्रह है और यह आग्रह सद् अर्थात् शुभ है, इसीलिए मैंने यह नाम चुना है। मैंने उनके तर्कका सार संक्षेपमें दिया है। मुझे यह नाम पसन्द आया; फिर भी मैं उसमें जिस अर्थका समावेश करना चाहता था वह उसमें नहीं आ पाया था। इसलिए मैंने 'द्' का 'त्' बनाकर उसमें 'य' जोड़ा और 'सत्याग्रह' नाम बनाया। मैने 'सत्य' में शांतिको निहित माना। किसी भी वस्तुका आग्रह रखनेसे बल उत्पन्न होता है, मैंने इसीलिए आग्रहमें बलका समावेश माना। इस प्रकार हिन्दुस्तानियोंका यह आन्दोलन सत्याग्रह अर्थात् सत्य और शान्तिसे उत्पन्न बलके नामसे पहचाना जाने लगा। तभीसे इस आन्दोलनके सम्बन्धमें 'पैसिव रजिस्टेन्स' शब्दोंका प्रयोग बन्द हुआ। यहांतक की अंग्रेजी लेखोंमें भी प्रायः 'पैसिव रेजिस्टेन्स' का प्रयोग छोड़कर 'सत्याग्रह' का अथवा किसी दूसरे अंग्रेजी शब्दका प्रयोग करना आरम्भ कर दिया। इस प्रकार जो वस्तु सत्याग्रहके नामसे प्रसिद्ध हो रही थी, उसका और 'सत्याग्रह' नामका जन्म हुआ । 'पैसिव रेजिस्टेन्स' और 'सत्याग्रह' का भेद इस इतिहासको आगे प्रस्तुत

१. देखिए खण्ड ७, पृष्ठ ४५१ तथा खण्ड ८, पृष्ठ १२६-२७ ।

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