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समयकी धरोहर

 

तुमने फ्रेंच किसलिए सीखना शुरू किया है ? फ्रेंच विदुषी कुमारी स्लेड यहाँ आई हुई हैं इसलिए ? या तुम रोमां रोलांके ग्रन्थोंको फ्रेंच भाषामें पढ़ना चाहते हो ? अथवा हमारे पास फ्रेंचमें आये पत्र पढ़नेके लिए ?

नहीं, मुझे फ्रेंच सोखनेको बहुत दिनोंसे इच्छा थी और मेरे फ्रेंच जाननेवाले मित्रोंने मुझसे कहा था कि यह भाषा सीखना आसान है और उपयोगी भी है।

अच्छा, क्या तुम्हें यह मालूम है कि सभी अंग्रेज फ्रेंच भाषा नहीं जानते और उनके बीच जो अच्छेसे-अच्छे पण्डित विद्वान् हैं, वे भी फ्रेंच लेखकोंकी कृतियोंके अंग्रेजी अनुवादोंको पढ़कर ही सन्तोष मान लेते हैं। और अधिकांश उत्तम फ्रेंच साहित्य के प्रकाशित होते ही उसका अंग्रेजी में अनुवाद हो जाता है।

गांधीजी एक या दो मिनटतक खामोश रहे, फिर पूछा :

तुम्हारे खयालके मुताबिक इसे सीखने में कितने दिन लगेंगे ?

लोग कहते हैं, छः महीने लगेंगे।

कितने घंटे ?

रोजाना एक घंटा।

बिना नागा।

जी हाँ।

लेकिन जब हम लोग दौरेपर होंगे तब ?

तब मुश्किल है। लेकिन मेरा खयाल है कि हम सचमुच सफर कर रहे होंगे तब मैं कुछ-न-कुछ समय निकाल ही लूँगा।

क्या सचमुच, तुमको यकीन है ?

मैं कुछ हिचकिचाया।

और अब चूँकि तुम फ्रेंच सीखना चाहते हो तो मुझे तुमको रोजाना एक घंटे की छुट्टी देनी ही चाहिए कि नहीं ?

इसे में सहन न कर सका। मैंने कुछ जोरसे कहा, "जी नहीं; इसकी कोई आवश्यकता नहीं होगी। में किसी-न-किसी प्रकार समय निकाल लूंगा।

तुम समय निकाल नहीं पाओगे, समय चुराओगे।

मैं चुप हो गया।

क्या तुम ऐसा नहीं मानते ?

वे मुझसे स्वीकृतिकी आशा कर रहे थे। मैंने कहा, "मैं भी यही समझता हूँ। फ्रेंच सीखनमें जितना समय लगता है, उतना मैं कातनमें दे सकता हूँ।"

ठीक है; मगर और भी बहुत-सी बातें हैं। जब हम जीवन-मरणके संघर्ष में लगे हुए हैं उस समय तुम्हें फ्रेंच सीखनेका खयाल सूझा ही कैसे ? स्वराज्य मिल जानेके बाद तुम जितनी चाहो उतनी फ्रेंच पढ़ लेना; लेकिन तबतक तो — ।

मैंने क्षमा पाने और जानेके लिए अनुमतिकी आशासे कहा, "मैं आजसे फ्रेंच सीखना बन्द किये देता हूँ।"