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न० चि० केलकरको

निर्णय कौन कर सकता है ? मंदोदरीमें तो रावणकी अपेक्षा अधिक ज्ञान था हो । कौशल्या दशरथसे कितनी ऊँची उठ गई ? द्रौपदीने पाँच पतियोंपर प्रभुत्व किया। वे पाँचों उससे डरते थे और उस कारण अपनी श्रीवृद्धि हुई मानते थे। नीमूसे राम- दासकी प्रतिष्ठा भले ही बढ़ती हो; लेकिन मुझे नहीं लगता कि वह रामदाससे आगे जा सकती है। रामदास अभी घबराता रहता है, लेकिन उसमें गुण बहुत हैं, इसलिए उसका कल्याण ही होगा। नीमू अवश्य ही समझदार तो दीख पड़ती है। इसलिए, वह रामदासको सुखी रखेगी और रामदास भी उसे सुख देगा।

जमनाबहनको भी साथ ही पत्र लिखा है, मुझे उसकी दृढ़तापूर्ण परन्तु विनय- युक्त भाषा बहुत पसन्द आई है।

बापूके आशीर्वाद

तुम दोनों भाई-बहन अपने स्वास्थ्यको सँभालना। मेरा स्वास्थ्य ठीक है। बापूके आशीर्वाद गुजराती पत्र (सी० डब्ल्यू० ५५५) तथा एस० एन० ९३०९ पी० से भी ।

५९. पत्र : न० चि० केलकरको

वर्धा

१५ दिसम्बर, १९२५

प्रिय श्री केलकर,

अपने पत्रोंको उलटते हुए मैंने वी० गोदरेजके सम्बन्धमें लिखा आपका पत्र देखा। मैं तो यही आशा रखता हूँ कि जब आप तैयार हो जायेंगे आप मुझे भी जगा देंगे।

हृदयसे आपका,

मो० क० गांधी

अंग्रेजी पत्र (सी० डब्ल्यू० ३११७) की फोटो-नकलसे ।