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६१. तार : उपनिवेश-सचिवको
दिसम्बर २,१८९९
 

सेवामें

माननीय उपनिवेश-सचिव

पीटरमैरित्सबर्ग

अस्पतालोंके लिए भारतीयोंकी बाबत प्रवासी-संरक्षक कैसा है, हमें कब चलना होगा तथा अन्य जरूरी कर हमें बता दे तो, मेरा खयाल है, जिन्होंने हैं उनमें से अधिकतर जानेको तैयार हो जायेंगे।

गांधी
 

काम की गांधी

दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० ३३३२) से। कह दिया करें।

६२. तार : उपनिवेश-सचिवको

दिसम्बर ४,१८९९
 

सेवामें

माननीय उपनिवेश-सचिव

मैरित्सबर्ग

तार मिला। संरक्षकसे मुलाकातके बाद ही और यह देखकर कि अक्टूबरको आपको भेजी गई भारतीय स्वयंसेवकोंकी सूची सरकारने संरक्षकको भेज दी मैंने स्वयंसेवकोंको सूचना दे दी कि, मालूम होता है, सरकारको उनकी जरूरत पड़ेगी। उनसे यह भी कि तैयार रहें और आपके अधिक निर्देशकी प्रतीक्षा हमने पल-भरकी सूचनापर भी रवाना होनेका प्रबन्ध कर लिया है। मैं बता हमसे जो हो सके वह सेवा बिना वेतन करनेको उत्सुक होनेके कारण हममें से डॉ० बूथके नीचे अस्पतालके कामकी तालीम रहे आपके आजके तारसे मालूम होता है कि सरकार सिर्फ मजदूर चाहती अगर तमाम इन्तजाम कर लेनेके बाद सरकार हमें स्वीकार नहीं करेगी तो बहुत बड़ी निराशा होगी। अक्टूबरमें पच्चीस नामोंके अलावा लगभग बीस और व्यक्ति स्वेच्छासे बिना वेतन करनेको तैयार और अनुकूल उत्तरकी उत्सुकतासे प्रतीक्षा

गांधी
 

दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० ३३३३) से ।

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