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सर वि०वि० हंटरकी मृत्यपर

सहायक दलमें बिना वेतन भरती हुए हैं, मुझे आपसे प्रार्थना करनेको कहा है कि यदि सम्भव हो तो आप उनके लिए यह उपहार प्राप्त कर लें। इसकी वे बहुत कद्र करेंगे। और अगर जिन शर्तोंपर महारानीने कृपापूर्वक यह उपहार प्रदान किया है, उनके अन्तर्गत यह भार- तीय नायकोंमें वितरित किया जा सके तो वे इसे मूल्यवान निधिके समान संचित रखेंगे।'

आपका आज्ञाकारी सेवक,
 

[अंग्रेजीसे]

मो० क० गांधी
 

पीटरमैरित्सबर्ग आर्काइब्ज़, सी० एस० ओ०, १४६२/१९०० ।

७३. तार : उपनिवेश-सचिवको
[डर्बन]
 
मार्च १, १९००
 

सेवामें

माननीय उपनिवेश-सचिव

[पीटरमैरित्सबर्ग]

भारतीय आहत-सहायक दलके भारतीय स्वयंसेवक-नायक चाहते हैं, मैं उनकी ओरसे जनरल बुलरकी शानदार जीत और लेडीस्मिथकी मुक्तिपर उन्हें आदरपूर्ण बधाई प्रेषित करूँ।

[अंग्रेजीसे]

गांधी
 

पीटरमैरित्सबर्ग आर्काइब्ज़, सी० एस० ओ०, १६०५/१९०० तथा दफ्तरी प्रतिकी फोटो- नकल (एस० एन० ३४००) से।

७४. सर वि० वि० हंटरको मृत्युपर
डर्बन
 
मार्च ८, १९००
 

'सर विलियम हंटर गुजर गये। इससे हमारा जबरदस्त खैरख्वाह दुनियासे चला गया। कांग्रेसकी ओरसे लेडी हंटरको समवेदनाका संलग्न तार' भेजनेका विचार किया गया है। जो खर्च उठानेके पक्षमें हों वे कृपा कर सही कर दें।

गांधीजीके हस्ताक्षरोंमें मूल अंग्रेजी तथा गुजराती परिपत्रकी फोटो-नकल (एस० एन० ३४०२) से।

१. प्रार्थना इस आधारपर नामंजूर कर दी गई थी कि इस उपहारका वितरण कमीशनके विना भरती हुए अफसरों तथा सैनिकोंतक ही सीमित रखा गया है।

२. तारकी प्रति उपलब्ध नहीं है।

३. अंग्रेजी परिपत्रके नीचे लगभग उसी आशयका गुजराती परिपत्र दिया गया है। पत्रके अन्तमें प्रस्तावपर सहमति देनेवाले आठ प्रमुख कांग्रेस-जनोंके हस्ताक्षर हैं ।


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