प्रियवर,
बुधवार ता०१४ को रातको ८ बजे कांग्रेस-भवन, ग्रे स्ट्रीटमें उपनिवेश-वासी भारतीयोंको एक सभा होगी। उसमें ब्रिटिश सेनाकी हालकी शानदार विजय और उसके फलस्वरूप लेडीस्मिथ तथा किम्बले नगरोंके शत्रुकी घेराबन्दीसे मुक्त कर लिये जानेपर अभिनन्दनके प्रस्ताव पास किये जायेंगे। उसमें आपसे अपनी उपस्थितिका आनन्द देनेकी प्रार्थना है।
माननीय सर जॉन रॉबिन्सन, के० सी० एम० जी०, विधानसभा सदस्यने कृपाकर उक्त अवसरपर अध्यक्ष बनना स्वीकार किया है।
कृपया उत्तर दीजिए। मूल छपे हुए अंग्रेजी परिपत्रकी फोटो-नकल (एस० एन० ३४०४) से।
मार्च १० को गांधीजीने जो निमंत्रणपत्र भेजा था उसके फलस्वरूप भारतीयों और यूरोपीयोंकी एक बहुत बड़ी और प्रातिनिधिक सभा हुई। उसमें ब्रिटिश सेनापतियोंके अभिनन्दनका एक प्रस्ताव पास किया गया । प्रस्तावका समर्थन करते हुए गांधजीने एक छोटा-सा भाषण दिया था। उसकी अखबारों में प्रकाशित रिपोर्ट नीचे दी जाती है।
भारतीय कांग्रेसके मंत्री श्री मो० क० गांधीने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि डर्बनके यूरोपीय समाजको भेजे गये निमन्त्रणपत्रोंकी जो शानदार प्रतिक्रिया हुई है, उसके लिए हम हृदयसे कृतज्ञ हैं। अजिंटो, वेरुलम, और अन्य केन्द्रोंके भारतीय भी उपस्थित हुए हैं। भारतीयोंकी एक विशेष सभाकी भी कुछ चर्चा चली है। मेरा खयाल है कि अगर भारतीयोंको अहंकार न हो जाये तो वे दक्षिण आफ्रिकामें ब्रिटिश विजयोंपर जितना भी उल्लास महसूस करें वह कम ही होगा। इस मामले में भारतीयोंकी विशेष दिलचस्पी है। कन्दहारके विजेता लॉर्ड
१. निमंत्रण-पत्रोंमें शीर्षक दिया गया था-"कैसरे हिन्द दीर्घायु हों ।" उसमें महारानी विक्टोरिया तथा बोअर-युद्धमें भाग लेनेवाले तीन प्रमुख ब्रिटिश सेनापतियोंकी तसवीरें भी थीं।
२. देखिए, प्रस्ताव १, पृष्ठ १५३ । इसे नेटाल भारतीय कांग्रेसके अध्यक्ष अब्दुल कादिरने पेश किया था और इसका अनुमोदन लुई पॉलने किया था ।
३. सन् १८८० में लॉर्ड रॉबर्ट्सने काबुलसे कन्दहारपर अपना ऐतिहासिक धावा किया था ।
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