पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/२०

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चौदह

स्रोत या प्रकाशनकी तिथिके साथ किया गया है। संदर्भ पहले खण्डके अगस्त १९५८ के संस्करण और दूसरे खण्डके मार्च १९५९ के संस्करणसे लिये हैं। आत्मकथाके संदर्भ गांधीजीकी मूल गुजराती पुस्तक सत्यना प्रयोगो अथवा आत्मकथा की नवजीवन प्रकाशन मंदिर, अहमदाबाद द्वारा प्रकाशित १९५२ की नौवीं आवृत्तिसे लिये हैं।

पुस्तकके अन्तमें सामग्रीके साधन-सूत्र, खण्डके कालसे सम्बन्धित तारीखवार जीवन-वृत्तान्त और व्यक्तियों, स्थानों, कानूनों तथा महत्त्वपूर्ण संदर्भोपर टिप्पणियाँ दी गयी हैं। अन्तमें एक विस्तृत सांकेतिका भी है।

साधन-सूत्रके तौर पर बतायी गई संख्याओंके साथ एस० एन० ' संकेतका अर्थ है साबरमती संग्रहालय, अहमदाबादमें उपलब्ध मूल कागज-पत्रोंकी क्रमसंख्या। इन कागज-पत्रोंकी फोटो-नकलें गांधी स्मारक-संग्रहालय, नई दिल्ली में सुरक्षित हैं। इसी प्रकार 'जी० एन०' का अर्थ है, वे मूल कागज जो नेशनल आर्काइव्ज़, नई दिल्लीमें उपलब्ध हैं। इनकी फोटो-नकलें भी गांधी स्मारक संग्रहालयमें सुरक्षित हैं। ‘सी० डब्ल्यू' संकेत उन कागज-पत्रोंका है जिन्हें सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय (कलेक्टेड वर्क्स आफ महात्मा गांधी) ने प्राप्त किया है। इनकी फोटो-नकलें नेशनल आर्का- ईव्ज़में उपलब्ध हैं।

प्रस्तुत खण्ड आकारमें पहले दो खण्डोंसे बड़ा है। यह परिवर्तन ग्रन्थमालाकी खण्ड-संख्या घटाने और पाठकोंको एक ही खण्डमें अधिक पाठ्यसामग्री देनेके विचारसे किया गया है।

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