सेवामें
माननीय उपनिवेश-सचिव
पीटरमैरित्सबर्ग
श्रीमन् ,
आपका ११ तारीखका कृपापत्र मिला। उसमें यह सूचना दी गई है कि परमश्रेष्ठ गवर्नर महोदयको उपनिवेश-मंत्रीके पाससे एक तार मिला है जिसमें कहा गया है, सम्राज्ञीकी इच्छा है कि नेटालके ब्रिटिश भारतीयोंको, उनके समवेदना-सन्देशके लिए, सम्राज्ञीका धन्यवाद पहुँचा दिया जाये।
[अंग्रेजीसे]
पीटरमैरित्सबर्ग आर्काइन्ज, सी० एस० ओ०, ६१४२/१९०० ।
९६. पत्र: उपनिवेश-सचिवको
सेवामें
माननीय उपनिवेश-सचिव
पीटरमैरित्सबर्ग
श्रीमन्,
आपके १० तारीखके तारके उत्तरमें मुझे सूचित करना है कि रजत-जयन्तीका अवसर बहुत निकट आ रहा है, इसलिए महामहिम सुलतानके प्रति अभिनन्दन-पत्र' के आयोजकोंने वह अभिनन्दन-पत्र गत शनिवारको लन्दन-स्थित तुर्की राजदूतको भेज दिया है। यदि परमश्रेष्ठ गव- र्नर महोदय मानते हैं कि अभिनन्दन-पत्र परम माननीय उपनिवेश-मन्त्रीके द्वारा भेजा जाना चाहिए, तो मेरा खयाल है, तुर्की राजदूतसे निवेदन किया जा सकता है कि वे उसे औपनिवेशिक कार्यालय लन्दनमें दे दें। किसी भी हालतमें, मुझे खुशी होगी, अगर ऐसे मामलोंमें भविष्य में उपयोग करनेके लिए परमश्रेष्ठकी राय मुझे मिल जाये।
[अंग्रेजीसे]
पीटरमैरित्सबर्ग आर्काइब्ज़, सी० एस० ओ०, ६०६१/१९००।
१. देबिर “पत्र: उपनिवेश-सचिवको", जुलाई ३१, १९००।
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