पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/२३९

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१२८. अभिनन्दनपत्र : बम्बईके भूतपूर्व गवर्नरको डर्बनके भारतीयोंने मेयरकी अध्यक्षता में एक सत्कार समारोह करके लॉर्ड जॉर्ज फैनिंग हैरिसको निम्न अभिनन्दनपत्र भेंट किया था । लॉर्ड हैरिस किसी समय बम्बईके गवर्नर थे और वे लंदन जाते हुए डर्बनमें ठहरे थे I परमश्रेष्ठकी सेवामें निवेदन है, हम, नेटालवासी ब्रिटिश भारतीयोंके निम्न-हस्ताक्षरकर्ता प्रतिनिधि, अपने बीच महानु- भावका आदरपूर्वक स्वागत करते हैं। भारतके साथ और विशेषतः बम्बईके साथ महानुभावके घनिष्ठ सम्बन्धसे हम परिचित हैं; इसलिए हम महसूस करते हैं कि अगर हमने आप महानु- भावके प्रति अपना आदर प्रकट करनेके अवसरका लाभ न लिया होता, तो हम अपना कर्तव्य पालन करनेसे चूक जाते। हम महानुभावके प्रति कृतज्ञता अनुभव करते हैं कि आपने इतने थोड़े समयकी सूचना पानेपर भी कृपापूर्वक हमसे मिलना मंजूर किया और हमें अपनी प्रिय कैसरे-हिन्दके भूतपूर्व भारत-स्थित प्रतिनिधिके प्रति अपना आदर-भाव सिद्ध करने का अवसर दिया। हम कामना करते हैं कि महानुभावकी यात्रा सुखद हो और आप हमारे कृपालु महा- राजाकी सेवाके लिए दीर्घ जीवन पायें । हम यह आशा करनेकी धृष्टता भी करते हैं कि आप महानुभाव इस उद्यान-उपनिवेशमें बसे हुए भारतीयोंके लिए, कुछ स्थान अपने हृदय में सदैव रखेंगे। विनीत, [ अंग्रेजीसे ] नेटाल ऐडवटाईज़र, २२-४-१९०१ । डर्बन अप्रैल २०, १९०१ १२९. भारतीय और परवाने' पो० ऑ० बॉक्स १८२ डर्बन अप्रैल २७, १९०१ प्रिय महोदय, मैं इसके साथ उस तार की एक प्रतिलिपि भेजता हूँ जो ट्रान्सवालके भारतीय शरणा- थियोंकी ओरसे आपको भेजा गया है। ट्रान्सवाल जाने के लिए परवाने पानेवाले यूरोपीयोंकी सूची दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, किन्तु इस पत्रके लिखनेतक भारतीय शरणार्थियोंको एक भी परवाना नहीं दिया गया है। लॉर्ड रॉबर्ट्स जब दक्षिण आफ्रिकामें थे तब उनसे और उच्चायुक्तसे भी निवेदन किया गया था; किन्तु सब व्यर्थ हुआ । श्री एच०टी० ओमाने ( अवसर प्राप्त आई० सी० एस०), जो उच्चायुक्त के परवाना-सचिव नियुक्त किये गये हैं, हमारे लिए भी कुछ परवाने प्राप्त करनेका प्रयत्न कर रहे हैं। गत मास उन्होंने यहाँतक किया था १. यह पत्र उन्हीं लोगोंको लिखा गया था, जिन्हें १६-४-१९०१ का तार भेजा गया था । २. १६ अप्रैल, १९०१ का तार । Gandhi Heritage Portal