पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/२६३

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१५८. तार : उपनिवेश-सचिवको

[ डर्बन
अक्टूबर १८, १९०१]

सेवामें

उपनिवेश-सचिव

पीटरमैरित्सबर्ग

डर्बनका भारतीय समाज लॉर्ड मिलनरको आदरयुक्त अभिनन्दन-पत्र देना चाहता है । क्या लॉर्ड साहब उसे स्वीकार करेंगे ?

गांधी

[ अंग्रेजीसे ]

पीटरमैरित्सबर्ग आर्काइव्ज, सी० एस० ओ० ९०३८/१९०१ ।


१५९. पत्र : पारसी रुस्तमजीको

[ डर्बन
अक्टूबर १८, १९०१]

सेवामें

श्री पारसी रुस्तमजी
अवैतनिक मंत्री
अभिनन्दन पत्र समिति
डर्बन

प्रिय श्री रुस्तमजी,

मैं सोच रहा हूँ, मेरे साथी देशवासियोंने मुझे जो सुन्दर और मूल्यवान अभिनन्दन-पत्र दिया है उसका क्या लिखित उत्तर दूं । गहरे सोच-विचारके बाद इस परिणामपर पहुँचा हूँ कि समय-समयपर किये गये अपने वादोंके अनुरूप मुझे केवल यह कहकर ही सन्तोष नहीं कर लेना चाहिए कि मैं इन उपहारोंको नहीं, बल्कि उस प्रेमको मूल्यवान समझता हूँ जिससे प्रेरित होकर ये दिये गये हैं । इसलिए मैंने ये अलंकार, जिनकी सूची साथमें लगी है, इस निर्देशके साथ आफ्रिकी बैंकिंग कारपोरेशनको सौंप देनेका फैसला किया है कि वह इन चीजोंको नेटाल भारतीय कांग्रेसको दे दे और फिलहाल एक रसीद, जिसपर अध्यक्ष और अवैतनिक मन्त्री या मन्त्रियोंके हस्ताक्षर हों, ले ले ।

मैं इन्हें निम्नलिखित शर्तोंपर कांग्रेसको सौंपता हूँ :

  1. ये अलंकार या इनका मूल्य एक आपात-निधिके रूपमें रखा जाये । इस निधिका उपयोग तभी किया जाये जब कांग्रेसके पास दो भू-सम्पत्तियोंके सिवा खर्च के लिए कोई निधि न हो।