१६०. पत्र : उपनिवेश-सचिवको
१४, मर्क्युरी लेन
डर्बन
अक्टूबर १८, १९०१
माननीय उपनिवेश-सचिव
श्रीमन्,
आज शामको प्रतिनिधि भारतीयोंकी ओरसे मैंने सेवामें निम्नलिखित तार भेजा है : डर्बनका भारतीय समाज लॉर्ड मिलनरको आदरयुक्त अभिनन्दन-पत्र देना चाहता है। क्या लॉर्ड महोदय उसे स्वीकार करेंगे ?
इस आशासे कि परमश्रेष्ठकी अनुमति मिल जायेगी, मुझे प्रस्तावित विनम्र मानपत्र[१] की प्रति परमश्रेष्ठकी स्वीकृतिके लिए भेजनेका अधिकार दिया गया है ।
आपका आज्ञाकारी सेवक,
मो० क० गांधी
पीटरमैरित्सबर्ग आर्काइव्ज़, सी० एस० ओ० ९०३८/१९०१ ।
१६१. अभिनन्दन-पत्र : लॉर्ड मिलनरको
डर्बन
अक्टूबर १८, १९०१
परमश्रेष्ठकी सेवामें निवेदन है कि,
हम नीचे हस्ताक्षर करनेवाले, इस उपनिवेशके निवासी ब्रिटिश भारतीयों और ट्रान्सवालके ब्रिटिश भारतीय शरणार्थियोंकी ओरसे, इस नगर में पधारनेपर परमश्रेष्ठका सादर स्वागत करते हैं । महामहिम सम्राट् द्वारा महान् पदवी दी जानेके उपलक्ष्य में हम परमश्रेष्ठको हार्दिक बधाई भी देते हैं ।
हम सर्वशक्तिमानसे हार्दिक प्रार्थना करते हैं कि वह परमश्रेष्ठको स्वास्थ्य और दीर्घ जीवन प्रदान करे जिससे कि परमश्रेष्ठने ब्रिटिश झंडेके नीचे दक्षिण आफ्रिकाकी अलग-अलग जातियोंको एक सूत्रमें बाँधनेका जो साम्राज्यीय कार्य हाथमें लिया है, उसको जारी रखने और सफल बनाने में परमश्रेष्ठ समर्थ हों ।
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