पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/४१९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३७७
अस्वच्छ रिपोर्ट

होती हैं, स्थानीय उच्चाधिकारी सदैव यह देखनेके लिए तैयार रहते हैं कि न्याय किया जाये । हमारा उद्देश्य केवल यही बताना है कि ब्रिटिश भारतीय संघके सभापतिने अपने पत्रमें जो बात कही थी वह एक निश्चित और सत्य बात थी । और इस बारेमें हम जानते हैं कि जब वह पत्र पहले-पहल प्रकाशित हुआ था तब सबकी एक ही राय थी कि, पुलिसने अपने कर्तव्य पालनमें गम्भीर अवहेलनाका परिचय दिया ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २५-६-१९०३

२६४. अस्वच्छ रिपोर्ट

हम दूसरे स्तम्भमें जोहानिसबर्ग स्टारको भेजा गया तार प्रकाशित कर रहे हैं। यह तार क्रूगर्सडॉर्पके सफाई-दारोगाने वहाँकी भारतीय बस्तीकी हालतके सम्बन्धमें जो रिपोर्ट पेश की है, उसका सार है। स्पष्ट है कि जब यह सफाई-दारोगा रातको उस बस्तीमें गया तो उसके मनमें यह लोकोक्ति घूम रही थी कि "अगर किसी कुत्तेको फाँसीपर लटकाना हो तो पहले उसे बदनाम करो।" सचमुच यह भयानक बात है कि जिम्मेदार अधिकारी अपनी बुद्धिको कल्पनाके बादलोंसे ढाँककर किस तरह ऐसे बयान दे सकते हैं, जो निस्सन्देह मानहानिकारी हैं। उस रिपोर्टसे कुछ भी उद्धृत करके हम सम्पादकीय स्तम्भोंको गन्दा नहीं करना चाहते। वह तो स्वयं स्पष्ट है। हम तो केवल यही आशा करते हैं कि हुकूमत ऐसे अतिरंजित विवरणोंके कारण अपने स्पष्ट कर्तव्य पथसे भटकेगी नहीं। साथ ही, इस मौकेपर हम अपने देशभाइयोंको बहुत जोर देकर सावधान कर देना चाहते हैं कि इस समय ट्रान्सवालमें उनकी स्थिति बड़ी गम्भीर है। यद्यपि हम निश्चयपूर्वक कह सकते हैं कि सफाई-दारोगा की रिपोर्ट बहुत ज्यादा गलत है, फिर भी हमें यह तो स्वीकार करना ही पड़ेगा कि क्रूगर्सडॉर्प की हमारी बस्ती सफाईकी दृष्टिसे जितनी अच्छी होनी चाहिए, वैसी नहीं है । अगर स्वास्थ्य निकाय (हेल्थ बोर्ड) कोई दोष लगाये तो उसका शायद यह ठीक जवाब होगा कि स्वयं उसने बस्तीकी सफाईकी पूर्णतया उपेक्षा की है। अगर बस्ती गन्दी है तो इसमें बस्तीमें रहनेवाले भारतीयोंकी अपेक्षा स्वास्थ्य-निकायका दोष अधिक है । किन्तु फिर भी इस जवाबसे हमें सन्तोष नहीं हो सकता । सफाई-दारोगा की देखभालके बगैर भी सफाई तथा सुरुचिके साथ रहने की योग्यता हमारे अन्दर होनी चाहिए । यदि हम अपने गरीबसे गरीब देशभाईको हमारी बताई योजनाके अनुसार रहनेपर राजी कर सके तो क्रूगर्सडॉर्पके सफाई- दारोगाने जो कुछ कहा है वह वरदानके रूपमें बदला जा सकता है । तब उसकी रिपोर्टपर बुरा माननेके बजाय हमें उसे धन्यवाद देना पड़ेगा कि उसने अच्छा किया जो क्रूगर्सडॉर्पकी बस्तीकी हालतका वर्णन करनेमें बहुत-सी मनगढ़न्त बातें जोड़ दीं ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २५-६-१९०३