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साक्षी: लॉर्ड मिलनरके अस्वच्छता-सम्बन्धी आरोपके विरुद्ध

जब डॉक्टर जान्स्टनसे पूछा गया कि इसपर उन्हें क्या कहना है, उन्होंने खरा जवाब दिया : "डॉक्टर मैरेसकी विरोधी गवाही आपके सामने है ।"

जवाब निर्णायक है । डॉ० मँरेस भारतीयोंके बीच नौ वर्षसे डॉक्टरी करते आ रहे हैं । डॉ० पोर्टरने खुद ही स्वीकार किया है कि उन्हें भारतीयोंका कोई अनुभव नहीं है। तब उन्होंने कैसे कह दिया कि "वे डॉक्टरको बुलानेका विचारतक नहीं करते ।" या "वे बीमारीके अस्तित्वको छिपाते हैं ?"

फिर भी, उपर्युक्त दोनों सज्जनों द्वारा दी गई गवाहियोंके जो अंश हम उद्धृत कर रहे हैं, वे अपने मानी खुद करें :

डाक्टर एफ० पी० मैरेसकी गवाही : आम हालतपर
(भारतीय)

प्रश्न: आप उनके बीच लम्बे अरसेसे डॉक्टरी कर रहे हैं ?

उत्तर: जी, लगभग आठ-नौ वर्षों से ।

प्रश्न: क्या आपकी डॉक्टरी उनमें बहुत चलती है ?

उत्तर: जी, उनके बीच मेरी डॉक्टरी अच्छी चलती हैं ।

स्थिति : भारतीय बस्ती अच्छी जगहपर बसी है। क्योंकि वह ढालपर है । और ढाल अच्छा है । इसके अलावा, उसकी नीचेकी सीमापर एक गहरी खाई-सी है जो नालीका काम करती है ।

पासपड़ोसकी हालत

उत्तरी ओर-- पूर्णतः स्वच्छ

दक्षिणी ओर-- अच्छा

पूर्वी ओर-– इस बड़े खुले मैदानपर अभी हालतक लगभग सारे जोहानिसबर्गका कूड़ा-कर्कट डाला जाता रहा है । अतः यह गन्दी हालतमें है ।

पश्चिमी ओर–- केलीका मकान, साफ सुथरा । इसके परे अत्यन्त लज्जाजनक, क्योंकि वहाँपर नगर परिषदकी कचरा-गाडियाँ और अन्य लोग हर तरहकी गन्दगी, कूदा और खाद डालते रहते हैं ।

इससे ज्ञात होगा कि बस्ती शहरसे काफी दूर है और उसके आसपासकी जगह अच्छी है । केवल वह हिस्सा गन्दा है, जिसे पिछली और वर्तमान नगर-परिषदने गन्दा बना दिया है। (बस्तीकी उत्तरी सीमासे कुछ ही गजकी दूरीपर) फोर्ड्सबर्गके उत्तरवाले चौगानमें जो कूड़ा आदि पड़ा हुआ है उसके लिए नगर परिषद जिम्मेदार है।

छूतकी बीमारियाँ

जबसे भारतीयोंको जबरदस्ती अलग बसाया गया है, कुली बस्तीसे जोरदार पेचिशके केवल दो मरीज मेरे पास आये हैं । मोतीझरा ज्वरका एक भी मरीज नहीं आया । जूड़ी -बुखारवाले कुछ मरीज आये, परन्तु वे यह बीमारी डेलागोआ-बेसे लेकर आये थे । कंठशोथ (डिप्थीरिया) का एक भी मरीज नहीं मिला । पर हाल ही में फ्रीडडार्प में चार, फोर्ड्सबर्गमें चार और बर्गर्सडार्पमें, हाफमनकी पुरानी शराबकी दुकानके पीछे एक मरीज मुझे मिला था ।

घरों और अहातोंकी हालत

मुझे ७५ और ७७ नम्बरके बाड़े (भैरोंके ) मय उनपर खड़े मकानोंके देखनेके लिए कहा गया था । मैंने ७५ नम्बरको इंटकी अच्छी बनी इमारतके सहित स्वच्छ पाया। कमरे बड़े, ऊँचे और हवादार थे। पाखाने भी ईंटके बने थे । आँगन स्वच्छ था ।

बाड़ा ७७ : लोहेकी इमारत, बड़े और हवादार कमरे, आँगन स्वच्छ |

बाड़ा ३६ : लोहेका मकान, बड़े कमरे, ऊँचे और हवादार । आँगन वगैरह साफ।

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