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सम्पूर्ण गांधी वाड्मय

मकान अहातेके गिर्द बने हुए मिलेंगे। मैंने तो ऐसा एक भी मकान नहीं देखा जिसमें आँगन न हो। अगर किसी बादमें आँगन नहीं है तो उससे लगे हुए बादमें जरूर आँगन है । मुझे पता नहीं कि भारतीय आमतौरपर इसी तरहके मकान बनाते हैं या नहीं, परन्तु इन बस्तियोंमें जरूर इसी तरहके मकान बने हैं ।

क्या आमतौरपर ये आँगन स्वास्थ्य की दृष्टिसे काफी चौड़े है ? –- हाँ। और मैं तो समझता हूँ, ये आँगन रखनेमें भारतीयोंने बहुत समझदारीसे काम लिया है ।

क्या वे हवा-प्रकाशके लिए काफी चौड़े है ? -- हवा-प्रकाशके लिए वे बहुत ही अच्छे हैं । मकानोंके अन्दर बैठने की अपेक्षा वे प्रायः इन आँगनोंमें ही बैठते हैं ।

आँगनके इर्द-गिर्द कमरे बनानेका नतीजा यह है कि हर कमरे का दरवाजा आँगनमें खुलता है ? -- हाँ, आँगनमें खुलता है ।

कुछ मकान आपने ऐसे भी देखे जो बहुत खराब थे ? -- कुछ बेमरम्मतीकी हालतमें थे ।

क्या आप सबसे बुरा मकान बतायेंगे ? -- सबसे बुरा मकान मैंने २८ नम्बरके बादमें देखा। उसके मालिकका नाम बैजनाथ था ।

इस मकानमें क्या खराबी थी ? -- इस बाड़ेमें मुख्य मकानके सामने एक दूसरा फूसकी टट्टियोंका मकान था । वह मुख्य मकानपर बल्लियों रखकर बनाया गया था। मैं उसे देखना चाहता था, क्योंकि मुझे वह खास तौरपर बुरा दिखाई दिया । इसलिए मैं जिस आदमीके साथ गया था उससे मैंने कहा कि मैं वह मकान देखना चाहता हूँ । वह मुझे वहाँ ले गया । इस नीचे फूसके मकानको मैंने देखा और उसके पासवाले आँगनमें मुझे रद्दी टिनके कई छोटे-छोटे झोंपड़े-से दिखाई दिये । ये सब अत्यन्त गन्दे थे । और यद्यपि मैं कहूँगा कि इन झोंपड़ोंमें काफी हवा आ सकती थी, फिर भी ये ऐसे नहीं थे जिनका जोहानिसबर्गमें रहना कोई पसन्द करे । इस आँगनके बीचमें मुझे बहुत-सी ईंटें दिखाई दीं और मैंने पूछा कि ईंटें यहाँ किसलिए हैं ?

श्री फॉर्स्टर: मैं नहीं समझता कि इसे गवाही कहा जा सकता है ।

गवाह : मुझसे कहा गया कि ये ईंट नया मकान बनानेके लिए रखी हैं । उस भारतीयने मुझसे यही कहा ।

श्री फॉर्स्टर : आपसे किसने क्या कहा, यह मैं नहीं जानना चाहता ।

श्री बालफोर: आप कहते हैं, डॉक्टर,कि उसे आपने सबसे खराब मकान पाया। क्या ऐसा खराब मकान कोई और भी था ? -– नहीं । याद नहीं पड़ता कि इतना खराब कोई और भी मकान था ।मुझे बस वही एक फूसका मकान था ।

अच्छा, अगर आप जोहानिसबर्गके सर्वेसर्वा होते तो उस मकानका क्या करते ? -- मैं उसे गिरवा देता और उसके स्थानपर सफाईके नियमोंके अनुसार दूसरा मकान बनवानेके लिए उनसे कहता ।

बस्तीमें और भी कोई मकान ऐसे हैं जिनके बारेमें आप इस तरहकी कारवाई करते ? -- बिलकुल सिरेमें शायद एक दो मकान और हों । परन्तु मैंने जो बाड़े गत जून महीनेमें देखे थे, उन्हें एक-एक करके अब याद नहीं कर सकता । शायद एक दो बाड़े और हों-फूसके नहीं लोहे के मकान, जिनमें सुधार की जरूरत हो।

और अगर आप सर्वेसर्वा होते तो कुल कितने मकानोंको एकदम निकम्मे करार देते ? -– मैं कितने मकानोंको निकम्मा करार देता यह अन्दाज तो मैंने नहीं लगाया, परन्तु मुझे नहीं लगता कि ऐसे बहुत अधिक मकान होंगे जिनको सिर्फ सफाईंकी दृष्टिसे मैं निकम्मा ठहराता । गत जून मासमें मैंने जो टिप्पणियाँ तैयार की थीं, वे मेरे पास नहीं हैं ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १३-८-१९०३