४८६ सम्पूर्ण गांधी वाङमय परन्तु हम इस सारे प्रस्तावका इसलिए विरोध करते हैं और उसे नामंजूर करते हैं कि यह सब मानवताके विरुद्ध है और जो जाति दूसरी तमाम जातियोंका आज संसारमें नेतृत्व कर रही है उसके लिए अशोभनीय है । " लॉर्ड मेकॉलेने अपने एक निबन्ध में एक बात कही है। हम उन्हें यहाँ उसकी याद दिलाना चाहते हैं। वे कहते हैं: "हम आजाद हैं; और सभ्य हैं; परन्तु अगर हम मानव-जातिके किसी भी भागको उतनी ही आजादी और सभ्यता देने से इनकार करें तो हमारी आजादी और सभ्यता किस कामकी ?" [ अंग्रेजीसे ] इंडियन ओपिनियन, २४-९-१९०३ ३४३. मजिस्ट्रेट, श्री स्टुअर्ट एक भारतीय की हत्या के मामलेमें श्री स्टुअर्टका कार्यवृत्त, जो अन्यत्र' दिया जा रहा है, पढ़नेपर हमें लगा था कि उन्होंने इसमें अपना राजनीतिक दाँव मारना चाहा है । इसपर हमें दुःखके साथ टिप्पणी करनी पड़ी थी। अब हमें अपने सुयोग्य मजिस्ट्रेटको बधाई देनेमें हर्षका अनुभव हो रहा है। अनैतिकता के सर्पपर उन्होंने मजबूती के साथ अपना पाँव जमाया है, जैसा कि उस दिन एक अभागे भारतीयके मामलेमें उनके फैसलेसे प्रकट हुआ। वह इस प्रकारकी कार्यवाही है कि नैतिक कानूनके अपराधियोंका ध्यान बरबस उसकी ओर जायेगा। हम आशा करते हैं कि भारतीय लोग मजिस्ट्रेटके कार्यका समर्थन करेंगे। इसका रूप होगा उस मनुष्यका सामाजिक बहिष्कार, जो कि केवल भारतीय ही जानते हैं, कैसे करना चाहिए। ऐसे आदमी, जैसा कि यह अपराधी है, समाजके लिए अभिशाप हैं और जिस समाजमें दुर्भाग्यसे वे होते हैं, उसको असीम हानि पहुँचाते हैं। इस बार ठग अच्छी तरह ठगा गया है । और हमें हर्ष है कि श्री स्टुअर्टने कानूनसे निर्धारित अधिकतम दण्ड दिया है। [ अंग्रेजीसे ] इंडियन ओपिनियन, २४-९-१९०३ ३४४. स्टुअर्ट नये रूपमें मर्क्युरी में छपा उपनिवेश मन्त्री और नेटालके गवर्नरका पत्र-व्यवहार कुछ समयसे हमारे पास है; परन्तु इसे प्रकाशित करनेकी हमारी इच्छा नहीं हुई, क्योंकि हम सोचते थे कि इससे कुछ लाभ न होगा। भारतीयोंकी शिकायत इक्की-दुक्की कठिनाईके मामलोंके बारेमें नहीं है; बल्कि उस सुचितित ढंगके बारेमें है, जिसके द्वारा वे अपमानित और जीविकाके साधनोंसे वंचित किये जाते हैं। हमने सदैव माना है कि अदालतोंमें - खासकर ऊँची अदालतोंमें-- भारतीयोंको उतना ही अच्छा न्याय मिलता है, जितना किसी अन्यको । परन्तु चूंकि यह पत्र-व्यवहार प्रकाशित हो गया है, इसलिए इसपर कुछ टिप्पणी आवश्यक है। हमें यह जानकर बहुत दु:ख हुआ कि श्री स्टुअर्टने बजाय एक शान्त और पक्षपातरहित मजिस्ट्रेटके, १. देखिए अगला शीर्षक । Gandhi Heritage Porta
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