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१८. प्रार्थनापत्र : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसको
जोहानिसबर्ग
 
दक्षिण आफ्रिकी गणराज्य
 
नवम्बर २८,१८९८
 

सेवामें

सभापति महोदय

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

श्रीमन्,

हम, दक्षिण आफ्रिकी गणराज्यके जोहानिसबर्ग नगरवासी नीचे हस्ताक्षर करनेवाले ब्रिटिश भारतीय, आपकी कांग्रेसका ध्यान आदरपूर्वक निम्न तथ्योंकी ओर आकृष्ट करना चाहते हैं:

१. इस गणराज्यके नवम्बर १९, १८९८ के स्टाट्स करेंट [ सरकारी गजट ] में प्रकाशित सरकारी सूचना नं. ६२१ के द्वारा सब भारतीयों और अन्य एशियाइयोंको आज्ञा दी गई है कि वे पहली जनवरी १८९९ से और उसके बाद केवल उन बस्तियोंमें रहें और व्यापार करें जिनका निर्देश इस राज्यकी सरकार करे। सूचनाकी नकल इस प्रार्थनापत्रके साथ संलग्न है।

२. हम आदरपूर्वक निवेदन करते हैं कि इस सरकारी सूचनाकी शर्ते "लंदन-समझौते" की शोंके विरुद्ध हैं। समझौतेमें लिखा है कि सब ब्रिटिश प्रजाजनोंको बिना किसी भेदभावके दक्षिण आफ्रिकी गणराज्यमें कहीं भी रहने और व्यापार करनेका पूरा अधिकार होगा।

३. यदि इस सरकारी सूचनाकी शॉपर अमल किया गया तो हमारी भारी आर्थिक हानि हो जायेगी, क्योंकि हममें से अनेकने अपना व्यापार जोहानिसबर्गमें और गणराज्यके अन्य कई स्थानोंमें जमा लिया है।

इसलिए हम आपको कांग्रे रासे सादर अनुरोध करते हैं कि हमें जो हानि पहुँचाई जा रही है उसका प्रतिकार करने के लिए वह हमारी तरफसे अपने प्रभावका उपयोग करे।

आपके आज्ञाकारी सेवक,
 
वी० ए० चेट्टी
 
ए० पिल्ले ऐंड कं०
 
वी० मुरुस्वामी मुदलियार
 
ए० कृष्णस्वामी
 
ए० अप्पास्वामी
 

[संलग्न सूचना]

सरकारी सूचना नं०६२१'

सर्वसाधारणकी जानकारीके लिए इसके द्वारा सूचित किया जाता है कि माननीय कार्यकारिणी परिषदने नवम्बर १५, १८९८ के अपने प्रस्ताव अनुच्छेद ११०१ के द्वारा निश्चय किया है कि:

१. जो कुली और अन्य एशियाई वतनी अबतक विशेष रूपसे उनके लिए नियत बस्तियों में निवास और व्यापार नहीं करते, और जो कानूनके विरुद्ध फिसी नगर या ग्राम या अन्य वजित स्थानमें रहते तथा व्यापार

१. यह सूचना मूलत: डच भाषामें प्रकाशित हुई थी।

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