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संपूर्ण गांधी वाङ्मय

करते हैं, उन्हें हाकिम-बन्दोबस्त-जमीन (लेंडड्रास्ट) या खानोंके आयुक्त (माइनिंग कमिश्नर) या उनके आदेशानुसार पटवारी (फील्ड कॉर्नेट) द्वारा आशा दी जायेगी कि वे १८८५ के कानून नं०३ के अनुसार १ जनवरी, १८९९ से पहले ही विशेष रूपसे उनके लिए निर्धारित बस्तियों में जाकर रहने और व्यापार करने लगे।

२. परन्तु हाकिम-बन्दोबस्त-जमीन और खानोंके आयुक्त उन कुलियों अथवा अन्य एशियाई वतनियोंके नामोंकी दो तालिकाएँ तैयार करेंगे जो कि बहुत समयसे, विशेष रूपसे निर्धारित बस्तियोंसे भिन्न स्थानोंपर, व्यापार करते रहे हैं और जिनके लिए इतनी थोड़ी सूचनापर अपना कारोवार हटा लेना कठिन होगा। एफ तालिकामें तो उन कुलियों अथवा अन्य एशियाइयोंके नाम लिखे जायेगे जिनको हाकिम-बन्दोबस्त-ज़मीन या खानोंके आयुक्तकी सम्मतिमें अधिकतम तीन मासका समय दे देना उचित होगा, और दूसरी तालिकामें उनके जिनको छ: मासका समय देना उचित होगा । इस प्रकार उन्हें कानूनका पालन करनेके लिए क्रमश: १ अप्रैल और १ जुलाई, १८९९ तफका समय दिया जायेगा। कुलियों अथवा अन्य एशियाइयों को यह समय पानेकी प्रार्थना इसके कारण बतलाकर, स्वयं करनी चाहिए ।

३. यदि कुली अथवा अन्य एशियाई व्यापारियोंने इस आशयका प्रार्थनापत्र दिया कि हमारे लिए बस्ती में बाजार या दूकानोंकी छतदार इमारत बनाने को जगह सुरक्षित कर दी जाये, तो उनकी सुविधाके लिए उसपर अनुकूलतासे विचार किया जायेगा ।

इस सम्बन्धमें इतनी सूचना और दी जाती है कि जो एशियाई यह समझते हों कि हमपर १८८५ का कानून ३ लागू नहीं होता, क्योंकि हमने ऐसा इकरारनामा कर रखा है जिसकी मियाद अभी समाप्त नहीं हुई अथवा हमने अपनी जायदाद किसी दूसरेको हस्तान्तरित कर दी है, उन्हें यह बात १ जनवरी १८९९ से पहले ही हाकिम-बन्दोबस्त-ज़मीन या खानों के आयुक्तको बतला देनी चाहिए, जिससे कि उनका मामला सरकारके सामने पेश किया जा सके ।

[अंग्रेजीसे]

इंडिया, २३-१२-१८९८

१९. तार : 'इंडिया' को

गांधीजीने इंडिया के जोहानिसबर्ग-संवाददाताकी हैसियतले पृथक् बस्तियोंके प्रश्नके सम्बन्धमें निम्नलिखित तार उक्त पत्रको भेजा था।

जोहानिसबर्ग
 
दिसम्बर ५,१८९८
 

दक्षिण आफ्रिकी गणराज्यकी सरकारने सूचना प्रकाशित की है और भारतीयोंको भी दे दी है कि आगामी १ जनवरीसे और उसके पश्चात् उन्हें कुछ पृथक् बस्तियोंमें ही रहना और व्यापार करना पड़ेगा। भारतीयोंको पूरी आशा है कि केपके उच्चायुक्तके इंग्लैंड जानेका लाभ उठाकर उनके पक्षका समर्थन करनेका प्रयत्न किया वर्तमान अनिश्चित अवस्थाके कारण चिन्ता है।

[अंग्रेजीसे]

इंडिया, ९-१२-१८९८


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