मेरा जीवन बहुत कठिन है, जैसा आपने उसे जोहानिसबर्गमें देखा था, उससे भी ज्यादा। मैं भी कुछ अनुभवके बाद इसी निष्कर्षपर पहुँचा हूँ कि आपके जीवनपर आप जो कुछ पढ़ते हैं, उसका नहीं, वरन् आप जैसा सोचते हैं उसका प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी पोलक परिवारसे मुझे आपके बारेमें समाचार जरूर मिलते रहते हैं, और तब मुझे यह जानकर खुशी होती है कि आप अब भी वैसे ही निश्छल हृदय व्यक्ति हैं जैसा कि मैं जोहानिसबर्ग में आपको जानता था ।
मैं श्रीमती रसेलको दो शब्द लिख रहा हूँ ।
केन्ट हाउस
१, नॉटिंघम प्लेस
डब्ल्यू० आई०
अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १९७६७) की फोटो-नकलसे ।
१३१. पत्र : श्रीमती रोलो रसेलको
प्रिय श्रीमती रसेल,
आपके पतिके लिखे पद्योंकी पुस्तक पाकर मुझे बड़ी खुशी हुई। मैं इस उपहार-
को मूल्यवान मानता हूँ; हालाँकि यह नहीं कह सकता कि पुस्तक पढ़ कब सकूंगा।
मेरा सारा समय रहन रखा हुआ है।
अंग्रेज प्रति (एस० एन० १९७६८) की माइक्रोफिल्मसे ।
१३२. तार : एस० श्रीनिवास आयंगारको'
२४ को गौहाटी पहुँच रहा हूँ ।
[ अंग्रेजीसे ]
बॉम्बे क्रॉनिकल, ११-१२-१९२६
१. श्रीनिवास आयंगार गौहाटी में होनेवाले कांग्रेस अधिवेशनके अध्यक्ष चुने गये थे।