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२४६. भाषण : सार्वजनिक सभा, झरियामें

१३ जनवरी, १९२७
 

महात्मा गांधीने सभामें भाषण देते हुए कहा कि मुझे इस बातकी खुशी है कि कर्मचारी संघके अध्यक्षने मेरी विनती स्वीकार कर ली और अंग्रेजीमें लिखा हुआ अभिनन्दनपत्र नहीं पढ़ा। मुझे सुबह दो अभिनन्दनपत्र मिल चुके हैं जो अंग्रेजीमें लिखे थे। लेकिन इस तीसरे अभिनन्दनपत्रपर मैंने आपत्तिकी क्योंकि इस सभाम बहुत कम लोग ऐसे हैं जो अंग्रेजी भाषा समझ सकते हों। यदि अभिनन्दनपत्र हिन्दी या बंगलामें होता तो मैं उसे बहुत पसन्द करता । अंग्रेजी भाषासे मेरा कोई झगड़ा नहीं है; वस्तुतः वह एक अच्छी भाषा है। मैं उसका कुछ ज्ञान रखनेका दावा रखता हूँ। यदि मुझे अंग्रेजीके प्रति द्वेष होता तो मैं अंग्रेजी भाषाका पत्र न चलाता होता। लेकिन अंग्रेजी भाषाका प्रयोग करनेके लिए सभी अवसर अनुकूल नहीं हैं। आपकी अपनी राष्ट्रभाषा है, जो हिन्दी है। आप अन्तर्प्रान्तीय मामलोंमें आसानीसे उसका प्रयोग कर सकते हैं, भले ही वह टूटी-फूटी हो । किसी आदमीकी पहचान उसके शब्दोंसे नहीं होती; आपको तो यह देखना चाहिए कि उसका हृदय सच्चा है या नहीं। खुद में भी चाहे व्याकरणको दृष्टिसे गलत हिन्दी बोलूँ लेकिन मेरा उद्देश्य सच्चा है और इतना ही इस बातके लिए काफी है कि आप मेरे भावणपर ध्यान दें।

आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि झरिया ऐसी जगह है जहाँ हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई, मारवाड़ी, गुजराती, बंगाली, बिहारी बल्कि भारतके सभी प्रान्तोंके लोग साथ-साथ रहते हैं। मैं आशा करता हूँ कि वे सब किसीके प्रति दुर्भाव रखे बिना मित्रतापूर्वक रहते हैं ।

भाषण जारी रखते हुए उन्होंने बताया कि विदेशोंसे आयातित कपड़ेसे भारतकी कितनी तबाही हुई है। उन्होंने कहा कि यह तो स्वाभाविक और वांछनीय भी हैं। कि मनुष्य दूसरे लोगोंका भला करनेका प्रयत्न करे, फिर वे किसी भी देश या धर्मके लोग हों। लेकिन दूसरोंकी मदद इस ढंगसे करना कि खुद अपने ही घरको अपूर- णीय क्षति पहुँचे, भयंकर गलती है। फिर आप विदेशी कपड़ा क्यों पहनते हैं? क्या आप मैनचेस्टरके बुनकरोंकी मदद करनेके लिए ऐसा करते हैं ? निश्चय ही नहीं। इस प्रश्नका मुझे एक ही जवाब मिल सका है और वह यह कि विदेशी वस्त्र पहनना फैशन है और खद्दर खुरदरा और मोटा होता है। लेकिन अगर आपकी मांके हाथकी बनी रोटी खराब हो तो क्या आप उसे खाने से इनकार कर देंगे और बेहतर रोटीके

१. स्वागत-सभामें गांधीजीको झरियाके भारतीय कोयला खान कर्मचारी संघकी ओरसे एक अभिनन्दनपत्र भेंट किया गया था।