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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

भाषण समाप्त करते हुए उन्होंने लोगोंसे ईश्वर के नामपर अपील की कि वे खद्दर कार्यके लिए देशबन्धु स्मारक कोषमें जो कुछ थोड़ा बहुत दे सकें, दें, और इस प्रकार देशके गरीब लोगोंको आर्थिक मदद दें।...

[ अंग्रेजीसे ]

सर्चलाइट, २१-१-१९२७

यंग इंडिया, २७-१-१९२७

२५२. पत्र : मीराबहनको

[ १६ जनवरी, १९२७]
 

चि० मीरा,

तुम्हारा पत्र मिला और उससे तुम्हारे साथ घटी घटना आदिका पता चला । मने सोचा था कि बिहारके दौरेका कार्यक्रम तुम्हें भेज दिया गया है; लेकिन अब याद आता है कि जब पहली बार तारीखें भेजी गई थीं तो दौरेकी रूप-रेखा तैयार ही नहीं हुई थी । बिहारके दौरेकी तारीखें तुम्हें कल भेजी गई हैं। मैं समझता हूँ कि तुम स्थानोंकी जानकारीके लिए अपने नक्शेका उपयोग कर रही हो । मेरी राय है कि स्थानोंके नाम तुम हिन्दी लिपिमें ही लिखो। यह एक रोचक और लाभदायक प्रयास होगा ।

प्यार सहित,

बापू
 

[ पुनश्च : ]

यह पत्र प्रार्थनाके ठीक बाद ५ बजे सुबह लिखा गया है, क्योंकि हम अभी- अभी तत्काल यहाँसे बहुत दूरके स्थानके लिए रवाना हो रहे हैं।

अंग्रेजी पत्र (सी० डब्ल्यू० ५१९७ ) से ।

सौजन्य : मीराबहन

१. डाककी मुहरके अनुसार ।