पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 33.pdf/५३६

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प्रिय श्री शेपर्ड, ४८०. पत्र : एस० टी० शेपर्डको आपके ८ तारीखके पत्रके लिए धन्यवाद । खेद है कि मुझे आपको सूचित करना पड़ रहा है कि पश्चिममें पुस्तक रूपमें ‘आत्मकथा' के प्रकाशनका सर्वाधिकार रेव० जॉन हेगनेस होम्सके कहनेपर कुछ महीने पहले न्ययार्ककी मैकमिलन कम्पनीको दे दिया गया था । आपका यह खयाल बिलकुल ठीक ही है कि अपने किसी भी लेख आदिका पहले मैंने कभी सर्वाधिकार सुरक्षित नहीं करवाया। लेकिन श्री होम्सने मुझे अपने उस पहलेके नियमसे इस आधारपर अलग हटनेको प्रोत्साहित किया कि सर्वाधिकार न दिये जानेपर कोई भी यूरोपीय प्रकाशक 'आत्मकथा' प्रकाशित करनेकी परवाह ही नहीं करेगा और जब कि उसके प्रकाशनसे पश्चिमको कुछ लाभ होनेकी सम्भावना है। आपने मेरे बारेमें जो पूछताछ की उसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूँ । मैं बराबर स्वास्थ्य लाभकी दिशामें आगे बढ़ रहा हूँ और थोड़ी बहुत हदतक डाक्टरोंसे पत्र-व्यवहार आदि देख सकनेकी अनुमति मिल गई है। हृदयसे आपका, श्री एस० टी० शेपर्ड 'टाइम्स ऑफ इंडिया, ' कार्यालय बम्बई अंग्रेजी (एस० एन० १२८०८) की फोटो-नकलसे । ४८१. पत्र: एच० क्लेटनको प्रिय श्री क्लेटन, कुमार पार्क बंगलोर ११ जून, १९२७ कुमार पार्क बंगलोर ११ जून, १९२७ आपके ६ जूनके पत्रके लिए धन्यवाद । आपने आरोपोंकी कितनी सावधानीसे छानबीन की है, इस बातपर मैंने गौर किया। जैसे ही श्री ठक्करसे इस सम्बन्धमें मुझे पत्र मिलता है, आशा है, मैं आगे भी कुछ लिखूंगा । Gandhi Heritage Portal