२६. पत्र: मगनलाल गांधीको
मौनवार [३१ जनवरी, १९२७][१]
जब रुखीका ऑपरेशन हो तब मुझे समाचार तारसे देना। डाक्टरको रुखीकी घबराहटकी बात भी बता देना।
मीराबहनके अन्य पत्र भेज रहा हूँ।
बापूके आशीर्वाद
गुजराती (सी॰ डब्ल्यू॰ ७७७१) से।
सौजन्य: राधाबहन चौधरी
२७. पत्र: विट्ठलदास जेराजाणीको
पटना
सोमवार [३१ जनवरी, १९२७]
तुम्हारा पत्र मिला। बिक्रीके बारेमें 'यंग इंडिया' और 'नवजीवन' में मैं अप्रैलमें लिखूँगा। अहमदनगर जिलेके लिए १६ तारीख नियत की है, इसलिए मैं मानता हूँ कि मुझे उससे पहले ही बम्बई पहुँचना होगा। अभी मुझे कार्यक्रमका तारीखवार ब्यौरा नहीं मिला है।
बापूके आशीर्वाद
गुजराती (एस॰ एन॰ ९७६२) की फोटो-नकलसे।
२८. सन्देश: 'रिव्यू ऑफ नेशन्स' को[३]
[१ फरवरी, १९२७ से पूर्व]
मैं आपको यह बतानेके सिवाय क्या सन्देश भेजूँ कि मेरी राष्ट्रीयता तीव्र अन्तर्राष्ट्रीयता है? मैं राष्ट्रों अथवा धर्मोके बीच होनेवाले संघर्षसे ऊब गया हूँ।
मॉडर्न रिव्यू, फरवरी, १९२७