पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 34.pdf/१९

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इस खण्डकी सामग्री के लिए हम साबरमती आश्रम संरक्षक तथा स्मारक न्यास और संग्रहालय ( साबरमती आश्रम प्रिजर्वेशन एंड मेमोरियल ट्रस्ट), नवजीवन ट्रस्ट, गुजरात विद्यापीठ ग्रन्थालय, अहमदाबाद; गांधी स्मारक निधि व संग्रहालय तथा भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली; श्रीमती मीराबहन, गॉडेन, आस्ट्रिया; श्री कान्ति गांधी, बम्बई; श्री नारायण देसाई, अहमदाबाद ; श्री वालजीभाई देसाई, पूना; श्री रमणीकलाल मोदी, अहमदाबाद ; श्री परशुराम मेहरोत्रा, नई दिल्ली; श्रीमती वसुमती पण्डित, सूरत, श्रीमती राधाबह्न चौधरी, कलकत्ता; श्री एस० आर० वेंकटरमण, भारत सेवक समाज ( सर्वेट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी), मद्रास ; श्रीमती गंगाबहन वैद्य, बोचासन; श्री महेश पट्टणी, भावनगर; श्रीमती लक्ष्मीबहन खरे, अहमदाबाद ; 'ट्रिब्यून', 'नवजीवन', 'बॉम्बे क्रॉनिकल', 'यंग इंडिया', 'साबरमती', 'हिन्दी नवजीवन', 'हिन्दू', इन समाचारपत्रों तथा पत्रिकाओं और निम्नलिखित पुस्तकोंके प्रकाशकोंके आभारी हैं : 'बापू -- मैंने क्या देखा, क्या समझा', 'बापुना पत्रो -- कुसुमबहेन देसाईने '।

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