पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 34.pdf/३८७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३५१
टिप्पणियाँ

लगानेवाले मिल सकते हों, सबकी जरूरत है। उक्त दोनों नौजवानोंने अपने लिए जिस ऊँचे मानदण्डको पसन्द किया है, उसे सबसे स्वीकार करनेकी सिफारिश करनेका मतलब खादीकी फेरी लगानेवालोंकी संख्या सीमित करना होगा, जबकि उद्देश्य यह है कि इस कामको ओर यथासम्भव अधिक से अधिक नौजवानोंको आकृष्ट किया जाये ।

आखिरकार खादीकी विक्रीसे बहुत ज्यादा कमीशन तो मिल नहीं सकता, और यह कमीशन सेंतमेत भी नहीं मिलता, क्योंकि उसे बिक्रीके लिए लोगोंके सामने रखकर ही उसकी अच्छी बिक्री कर लेना सम्भव नहीं है । में यह जानता हूँ कि फेरी लगानेवालों को दरवाजे दरवाजे जाना पड़ता है और अक्सर कोई खरीदनेकी किसी प्रकारकी उत्सुकता भी नहीं दिखाता; और यह देखते हुए कि कमीशन नकद बिक्री- पर ही दिया जाता है, खादीकी फेरी लगाने का मतलब खून-पसीना एक करके अपनी रोटी कमाना है । इसलिए अब इन युवकोंके उदाहरणसे प्रेरणा लेकर उन लोगोंको, जो खादी के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं, थोड़ा-सा प्रयत्न करना चाहिए और इस उदाहरणका परिणाम फेरी लगानेवालों की संख्यामें वृद्धिके रूपमें प्रकट होना चाहिए। उन फेरी लगानेवालों से अपनी गाढ़े पसीने की कमाईको वापस कर देनेकी अपेक्षा नहीं की जायेगी । इसमें सन्देह नहीं कि ऐसे बहुत-से युवक और युवतियाँ हैं, जिनके पास काफी अवकाश है और जिन्हें आर्थिक प्रतिफलकी भी आवश्यकता नहीं है । वे इन युवकोंके उदाहरणका अनुकरण करके खादीकी फेरी लगाने के लिए अपनी सेवाएँ प्रदान कर सकते हैं । लेकिन, जो लोग खादीकी फेरी लगाना चाहते हों वे यह समझ लें कि जबतक वे अपने चरित्रका प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं करते, जबतक जितनी खादी उन्हें बेचनेको दी जाये उसकी जमानत नहीं देते तबतक उन्हें फेरी लगानेके लिए खादी नहीं मिल सकती ।

कताई में थकावटको आजमाइश

सतीश बाबू बीमारीसे अच्छे होने के बाद पूर्व स्वास्थ्य प्राप्त करनेके लिए काफी दिनोंसे आराम कर रहे थे । अब वे पुनः सोदपुरमें प्रतिष्ठान के कामपर आ डटे हैं। वे लिखते हैं:

यहाँ एक कर्तयेके मनमें यह बात आ गई कि वह बीचमें रुके बिना लगातार कातकर देखे। वह एक दिन सारे समय रुई धुनने और पूनियाँ बनाने में लगा रहा । राततक उसने पूनियाँ तैयार कर लीं और तब ९ बजे रातसे लेकर दूसरे दिन ७ बजे राततक कातता रहा । बीचमें उसने तीन घंटेका विश्राम लिया, दो घंटे सोनेके लिए और एक घंटा खाने-पीने के लिए । १९ घंटे में उसने १८ अंकका १०,५०० गज सूत काता। इन १९ घंटोंमें उस सूतको लपेटने में लगा समय भी शामिल है । भविष्यमें वह और भी अच्छे परिणाम दिखा सकता है।

यह जानना दिलचस्प होगा कि लगातार २२ घंटेमें से १९ घंटे में काते इतने अधिक सूतमें मजबूती कितनी आ पाई है और वह किस गये हदतक एकसार बन पाया है।