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पत्र: मीराबहनको


इसलिए कृपया प्रार्थना सभाको जारी रखना मत भूलिएगा। आप अपने-अपने क्षेत्रों में अपनी-अपनी प्रार्थना सभाएँ शुरू कर सकते हैं, और कुछ न हो पाये तो अपने-अपने परिवारके सभी लोग तो सामूहिक प्रार्थना कर ही सकते हैं। शामको रोज इसी वक्त एकत्रित होकर कुछ भजन कीजिए, 'गीता'-पाठ कीजिए, और आत्म-शुद्धिके लिए यथाशक्ति अधिकसे-अधिक प्रयास कीजिए ।

[ अंग्रेजीसे ]

यंग इंडिया, ८-९-१९२७

३८३. तार : अब्राह्मणोंकी परिषद्को[१]

बंगलोर
२९ अगस्त, १९२७ या उसके पूर्व

अभी-अभी पत्र पढ़ा। अब्राह्मणोंको मनमें सेवाभाव और सद्भावना लेकर निश्चय ही कांग्रेस में प्रवेश करना चाहिए ।

[ अंग्रेजीसे ]

बॉम्बे क्रॉनिकल, ३०-८-१९२७

३८४. पत्र : मीराबहनको

२९ अगस्त, १९२७

चि० मीरा,

तुम्हारे पत्र मिले।

एन्ड्रयूजको भेजा तुम्हारा सन्देश पढ़ा, वे 'सन्देश' शब्दको नहीं समझ सके, इससे हम लोग खूब हँसे । उन्होंने तो इसका मतलब इस नामकी बंगाली मिठाई समझ लिया ।

बेशक, साबरमती लौटनेपर तुम्हें तीन दिन कोई काम नहीं दिया जायेगा और उस समयका तुम जैसा चाहो वैसा उपयोग करनेके लिए स्वतन्त्र रहोगी। चाहोगी तो और भी समय दिया जायेगा। मगनलालसे बातचीत करके जैसी सर्वाधिक ठीक लगे, अपनी दिनचर्या वैसी बना लेना । लेकिन काम तुम्हें धीरे-धीरे बढ़ाना है और एक काम खत्म करने के बाद दूसरेको शुरू करनेसे पहले तुम्हें कुछ विश्राम मिलना चाहिए, विशेषकर शुरू-शुरू में ।

  1. यह तार एसोसिएटेड प्रेस ऑफ इंडियाने जारी किया था और उसपर " बम्बई, २९ अगस्त " अंकित था। अब्राह्मणोंकी विशेष प्रान्तीय परिषद्के मन्त्रीने २९ तारीखको निम्नलिखित उत्तर भेजा था: “ आपकी सलाहके लिए हम आभारी हैं। कांग्रेसमें अब्राह्मण तवको प्रवेश कराकर उसे लोकतांत्रिक रूप देनेके लिए हम कांग्रेसमें शामिल हो रहे हैं।