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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
१४ अक्टूबर : त्रिचूरमें।
१५ अक्टूबर : पालघाटमें; कामकोटि पीठके स्वामी शंकराचार्यके साथ बातचीत की; सार्वजनिक सभामें भाषण।
१६ अक्टूबर : कोयम्बटूरमें; सार्वजनिक सभा में भाषण; च॰ राजगोपालाचारीने घोषणा की कि गांधीजी २१ अक्टूबरतक कोयम्बटूरमें आराम करेंगे।
१७ अक्टूबर : कोयम्बटूरमें; वाइसराय से प्रस्तावित भेंट के बारेमें वि॰ झ॰ पटेलके साथ तार-व्यवहार।
१८ अक्टूबर : पोलाचीमें भाषण और कोयम्बटूर वापस।
१९ से २१ अक्टूबर : कोयम्बटूरमें; 'मैं हिन्दू क्यों हूँ?'
लेख छपा।
२२ से २४ अक्टूबर : तिरुपुरमें; सार्वजनिक सभा में भाषण; २ नवम्बरको वाइसराय से भेंट के लिए उनका निमंत्रण-पत्र स्वीकार किया।
२५ अक्टूबर : कालीकट में।
२६ अक्टूबर : नीलेश्वर, कैसरगोड़ और मंगलोर में; मंगलोरकी सार्वजनिक सभामें भाषण।
२७ अक्टूबर : दिल्ली में वाइसराय से भेंटके लिए मंगलोरसे पानी के जहाजसे बम्बई रवाना हुए। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके तत्वाधान में कलकत्ता में एकता सम्मेलनका आयोजन किया गया गांधीजीने इस सम्मेलन में भाग नहीं लिया।
२८ अक्टूबर : बम्बई पहुँचे; शाही आयोगमें परामर्शदाताओंकी नियुक्ति तथा हिन्दू-मुस्लिम एकता के सम्बन्ध में पत्र- प्रतिनिधियोंसे भेंट की।
३० अक्टूबर : बम्बईसे दिल्ली के लिए रवाना हुए।
१ नवम्बर : दिल्लीमें; खादी प्रचारक मंडलकी बैठक में भाग लिया।
२ नवम्बर : दिल्लीमें वाइसराय लॉर्ड इरविनसे भेंट की; जामिया मिलिया इस्लामिया देखने गये तथा छात्रोंकी सभा में भाषण दिया।
३ नवम्बर : रात अहमदाबाद पहुँचे।
४ नवम्बर : साबरमती आश्रम, अहमदाबादमें।
५ नवम्बर : रात में बम्बई के लिए रवाना।
६ नवम्बर : बम्बई पहुँचे।
७ नवम्बर : एस॰ एस॰ 'कोलाबा' जहाजसे लंकाके लिए रवाना।
८ नवम्बर : वाइसरायने सर जॉन साइमनको अध्यक्षतामें शाही आयोगके सदस्योंकी घोषणा की।
१२ नवम्बर : गांधीजी रातमें कोलम्बो पहुँचे।
१३ नवम्बर : कोलम्बो में; पत्र-प्रतिनिधियोंसे भेंटके दौरान कहा कि साइमन आयोग पर मत प्रगट करनेके मामले में मेरा अन्तःकरण कांग्रेसके हाथोंमें है। चेट्टियार लोगों की सभा में तथा विवेकानन्द सोसाइटीकी ओरसे आयोजित सभामें भाषण।
१४ नवम्बर : कोलम्बोमें; मौनवार।
१५ नवम्बर : कोलम्बो में; नगरपालिका द्वारा अभिनन्दनपत्र दिया गया; छात्रों, बौद्धों और ईसाइयोंकी सभाओं में भाषण।