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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
१६ नवम्बर : कोलम्बो में; ईसाई मिशनरियों तथा श्रमिकों के बीच भाषण।
१७ नवम्बर : कोलम्बोसे पालियागोडा, नेगोम्बो, मादाम्पी, चिलाव, कुरुनेगल और कातुगास्टोटा गये।
१८ नवम्बर : माटले और कैण्डीको सार्वजनिक सभाओं में भाषण; दलद मलिगवा गये तथा दन्त-अवशेष देखा।
१९ नवम्बर : बादुल्लामें।
२० नवम्बर : नुवारा इलियामें।
२१ नवम्बर : कैण्डीमें; मौनवार।
२२ नवम्बर : कोलम्बो वापस आये तथा पारसियों, लंका राष्ट्रीय कांग्रेस तथा अन्य सभाओं में भाषण।
२३ नवम्बर : पानडुरा और गैलेका दौरा किया।
२४ नवम्बर : गॅले और मतारामें भाषण।
२५ नवम्बर : कोलम्बो वापस तथा विदाई सभा में भाषण।
२६ से २९ नवम्बर : जफनामें; सभाओं में भाषण।
३० नवम्बर : लंकासे रवाना होकर रामनाड पहुँचे, सार्वजनिक सभा में भाषण दिया।
१ दिसम्बर : मद्रास पहुँचे; शाही आयोग के सम्बन्ध में एसोसिएटेड प्रेसके प्रतिनिधि से भेंट की; उड़ीसाकी यात्रा पर रवाना।
३ दिसम्बर : चिकाकोलकी सार्वजनिक सभामें भाषण।
४ दिसम्बर : सुबह इच्छापुरम्, पालसा, बरुवा और काविति गये तथा चिकाकोलमें स्त्रियोंकी सभा में भाषण दिया। शामको बरहामपुर में छात्रोंकी सभा में भाषण।
५ दिसम्बर : बरहामपुरमें; मौनवार।
६ दिसम्बर : बरहामपुरकी सार्वजनिक सभामें भाषण। अस्का, गोहरा, रसेल कोंडा भी गये; सभाओं में भाषण दिये तथा थैलियाँ प्राप्त की और फिर रात में ठहरने के लिए बोइरानी चले गये।
७ दिसम्बर : पुरुषोत्तमपुर, कोडला और खल्लीकोट गये।
८ दिसम्बर : बानपुरमें।
९ दिसम्बर : रक्तचाप बढ़ जाने की वजहते पूर्ण आराम के लिए बोलगढ़ गये।
१० दिसम्बर : बोलगढ़की सार्वजनिक सभा में भाषण।
११ और १२ दिसम्बर : बोलगढ़में आराम।
१३ दिसम्बर : बेगुनियाँ, सखीगोपाल और पुरीमें; जगन्नाथजी के मन्दिरमें नहीं गये।
१४ दिसम्बर : बालासोर पहुँचे।
१५ से १७ दिसम्बर : बालासोरमें।
१८ दिसम्बर : कटक पहुँचे; रक्तचाप बढ़ जाने की वजह से सभी कार्यक्रम रद कर आराम किया।
२० दिसम्बर : कटककी सार्वजनिक सभा में महात्माजीका भाषण पढ़ा गया।
२१ दिसम्बर : मद्रास में होनेवाले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके वार्षिक अधिवेशन में भाग लेनेके लिए कटकसे रवाना।