पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 36.pdf/१२२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

९३. पत्र: रोलैंड हेसको'

५ मार्च, १९२८

प्रिय मित्र,

श्री हरीन्द्र चट्टोपाध्यायने मुझे लिखा है कि आप निकट भविष्यमें भारत आनेवाले हैं। यदि आप भारत आयें और आपका गुजरात आना हो तो कृपया इस छोटेसे आश्रमको अपना घर ही समझें ।

हृदयसे आपका,

श्री रोलैंड हेस
द्वारा द अमेरिकन एक्सप्रेस कं०
पेरिस

अंग्रेजी (एस० एन० १४२५३) की फोटो--नकलसे।

९४. पत्र : डब्ल्यू० बी० स्टारको

सत्याग्रह आश्रम
साबरमती
५ मार्च, १९२८

प्रिय मित्र,

दानकी रकमके साथ आपका कृपा-पत्र मिला। दोनोंके लिए धन्यवाद । दानकी रकम कम होनेपर खेद प्रकट करनेकी कोई आवश्यकता नहीं थी। दानकी छोटीसे- छोटी रकम भी, जब वह उदार हृदयसे दी जाती है, एक बहुत बड़ी वस्तु होती है और मैं यह निश्चित रूपसे कह सकता हूँ कि आपने यह दान अपने हृदयकी उदारताके कारण ही दिया है।

वकालतके पेशेमें सुधार करनेका प्रश्न एक बड़ा प्रश्न है। इसमें थोड़ा-बहुत रद्दो-बदल करनेसे काम नहीं चलेगा। मेरी दृढ़ राय है कि वकीलों और डाक्टरोंको फीसके रूप में कुछ नहीं लेना चाहिए, उन्हें सरकार एक निश्चित रकम दे और जनता उनकी सेवाएँ मुफ्त प्राप्त करें। नागरिकोंको दी गई इन सेवाओंके लिए जनता द्वारा दिए गये करोंके रूपमें इनका भुगतान स्वतः ही हो जायेगा । निर्धनोंपर कोई कर नहीं लगाया जायेगा, पर तब भी गरीब और अमीर दोनोंको समान चतुराई और


१.रिकी नीग्रो गायक ।