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प्रेम महाविद्यालय

१. मैंने अपनी सेवाएँ इसलिए अर्पित नहीं की थीं कि मैं युद्धमें विश्वास करता था। मैंने उन्हें इसलिए अर्पित किया था कि मैं उसमें अप्रत्यक्ष रूपसे भाग लिये बिना तो रह नहीं सकता था।

२. मेरी स्थिति ऐसी नहीं थी कि मैं उसमें भाग लेनेका प्रतिरोध कर सकूं।

३. मेरा यह विश्वास नहीं है कि युद्धमें भाग लेकर युद्धसे बचा जा सकता है, ऐसे ही जैसे मेरा यह विश्वास नहीं है कि बुराईमें भाग लेकर बुराईसे बचा जा सकता है। किन्तु इसमें और उस स्थिति अन्तर समझ सकनेकी जरूरत है जिसमें हमें उन कार्योंमें सचमुच मजबूरन हिस्सा लेना पड़ता है, जिन्हें हम बुरा या अवांछनीय मानते हैं ।

४. अराजकतावादीका तर्क असंगत है, क्योंकि वह आतंकवादी कार्योंमें ज्ञान- पूर्वक स्वेच्छासे और पहलेसे सोच-विचार कर हिस्सा लेता है।

५. युद्धसे निश्चय ही कथित विजेताओंका कोई हित नहीं हुआ है।

६. जिन शान्तिवादी प्रतिरोधियोंने जेलके कष्ट भोगे हैं, उन्होंने निश्चय ही शान्तिके उद्देश्यकी ही सेवा की है।

७. यदि कल दूसरे युद्धकी घोषणा कर दी जाये तो मैं वर्तमान सरकारके सम्बन्धमें अपने मौजूदा विचारोंके रहते किसी भी रूपमें या किसी प्रकारसे उसकी सहायता नहीं कर सकता, प्रत्युत मैं अपनी पूरी शक्तिसे दूसरोंको भी उसे सहायता न देनेके लिए उकसानेका और अहिंसाका ध्यान रखते हुए सरकारकी हार करवानेका यथासम्भव प्रत्येक प्रयत्न करूंगा । {{left|[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, ८-३-१९२८

९७. प्रेम महाविद्यालय

राजा महेन्द्रप्रतापकी इस संस्थाका बड़ा ही गौरवपूर्ण इतिहास है। यह उन इनी-गिनी संस्थाओंमें से है जो असहयोगके पहले बिना किसी प्रकारको सरकारी सहायता या स्वीकृतिके खोली गई और सरकारसे असम्बद्ध होते हुए चलती रही हैं। अपने जैसे अन्य सभी संस्थानोंकी तरह इसे भी भाग्यके बहुतसे उलट-फेर देखने पड़े हैं, किन्तु सभी संकटोंको सहते हुए यह निर्विघ्न चलती रही है। हालमें ही इसका वार्षिकोत्सव मनाया गया था । डाक्टर अन्सारीने इस अवसरपर सभापतित्व किया। सभाकी जो रिपोर्ट मेरे सामने है उसमें लिखा है कि तकली चलानेके प्रदर्शनसे उत्सव आरम्भ किया गया और फिर डाक्टर अन्सारीने राष्ट्रीय पताका फहराई तथा हिन्दुस्तानके सेवा-दलके स्वयंसेवकोंने वन्देमातरम् गाया। इसके बाद रिपोर्टमें लिखा है :

जिस संस्थाकी ओरसे आचार्य गिडवानी इतनी बातोंका दावा कर सके, उसके लिए मेरी सहायताकी आशा करना उचित ही था । पाठकोंको शायद पता न हो कि

१. रिपोर्ट यहाँ नहीं दी जा रही है।