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पत्र: श्रद्धा चैतन्य ब्रह्मचारीको

करना भूल होगी। यही कारण है कि मैंने देशसे पूरे दिलसे इसे स्वीकार करनेकी सिफारिश की है।

हृदयसे आपका,

एम॰ जफरुलमुल्क
लखनऊ

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३५१२) की फोटो-नकलसे ।

 

२८५. पत्र: श्रद्धा चैतन्य ब्रह्मचारीको

सत्याग्रहाश्रम, साबरमती
८ सितम्बर, १९२८

प्रिय मित्र,

मुझे खेद है कि मैं आपको 'यंग इंडिया' अथवा 'यंग इंडिया' से सम्बन्धित साहित्य मुफ्त नहीं भेज सकता। प्रबन्धक लोग इस तरहके अनुरोधोंको प्रोत्साहन नहीं देते, फिर चाहे इसका कारण केवल यही हो कि ऐसे बहुतसे अनुरोध प्रतिदिन मिलते रहते हैं। निस्सन्देह, आप यह जानते ही हैं कि 'यंग इंडिया' व्यावसायिक दृष्टिसे चलाया जानेवाला पत्र नहीं है। यह संस्था भी रामकृष्ण मिशनकी भाँति ही लोकोपकारी संस्था है। इसलिए बहुत कम लोगोंको 'यंग इंडिया' मुफ्त दिया जाता है।

हृदयसे आपका,


श्री श्रद्धा चैतन्य ब्रह्मचारी
श्री रामकृष्ण मठ
गैरिसन रोड
दिल्ली

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३५१३) की माइक्रोफिल्म से।
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