पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 37.pdf/३७४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३४०
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

भी काफी बड़ी राशि दानमें दे देंगे। और अधिक जानकारी आप यह पत्र ले जानेवाले श्रीयुत भोंसलेसे प्राप्त कर लें।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत बबन गोखले
गिरगाँव, बम्बई

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १४७३६) की माइक्रोफिल्म से।

 

३६८. पत्र: फूलसिंहको

आश्रम, साबरमती
३ अक्टूबर, १९२८

भाई फूलसिंहजी,

तुम्हारा पत्र मिला। बन्दरोंके सम्बन्ध में तुम जो-कुछ जानते थे उसे तुरन्त लिख भेजने के लिए मैं तुम्हारा आभार मानता हूँ। क्या तुमने इस बातका निश्चय कर लिया है कि दोनों स्थितियों में उपद्रवको सर्वथा रोका जा सकता है? अभी और बारीकी से जाँच करना और मुझे लिखना।

मोहनदासके वन्देमातरम्

गुजराती (जी॰ एन॰ २२७) की फोटो-नकलसे।

 

३६९. भ्रान्त मानवीयता?

श्रीयुत जमशेद मेहताकी कराचीके सबसे सत्यनिष्ठ व्यक्तिके रूपमें जो ख्याति है, वह सर्वथा उचित है। कराचीमें सार्वजनिक हितमें होनेवाला ऐसा कोई काम नहीं है जिसमें इनका हाथ न हो। वे अपना लगभग सारा समय सार्वजनिक कार्यों में ही लगाते हैं। वे थियोसॉफीके एक सर्वोत्तम प्रतिनिधि हैं। उनकी देशभक्तिकी भाँति ही, उनकी ईमानदारी और उनकी वैचारिक स्वतन्त्रता निर्विवाद है। इसलिए इस तरहका कोई व्यक्ति जब निर्णयकी कोई भूल करता है या लोकमतके विरुद्ध चलता है तो उसके मित्रोंको हार्दिक दुःख पहुँचता है। मुझे लगता है कि कराची नगरपालिकाके अध्यक्ष श्रीयुत जमशेद मेहताने निर्णयकी एक ऐसी ही भूल की है। स्वयं खादी-प्रेमी होते हुए हाल में उन्होंने एक अनुपस्थित सदस्यकी ओरसे खादी के सम्बन्ध में एक ऐसा प्रस्ताव पेश करना जरूरी समझा जिसका अन्य सदस्योंने काफी डटकर विरोध किया। एक अन्य मामले में भी उनकी भ्रान्त धारणा सामने आई है। वह है, भारतमें यूरोपसे आई एक वस्तु — वनस्पति घीके बारे में।