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३९४. पत्र: एलिजाबेथ नुडसेनको
सत्याग्रहाश्रम, साबरमती
१२ अक्टूबर, १९२८
प्रिय कुमारी नुडसेन,
एक लम्बे अरसेके बाद आपका पत्र पाकर मन बड़ा हर्षित हुआ।
गुलाबोंके बारेमें आपकी फटकारकी मैं ताईद करता हूँ। जाहिर है कि आपको इसकी जानकारी नहीं है कि भारतमें आजकल नारी-उत्थानके पक्षमें कितना जोरदार आन्दोलन चल रहा है।
आशा है, आप स्वस्थ और प्रसन्न होंगी।
हृदयसे आपका,
कुमारी ई॰ नुडसेन
वाई॰ डब्ल्यू॰ सी॰ ए॰ बिल्डिंग
कराची
वाई॰ डब्ल्यू॰ सी॰ ए॰ बिल्डिंग
कराची
अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३५४८) को माइक्रोफिल्मसे।
३९५. पत्र: सर एम॰ वी॰ जोशीको[१]
१२ अक्टूबर, १९२८
प्रिय मित्र,
आपका पत्र मिला। कल ही पहुँचा है। श्रीमती सरलादेवी अम्बालाल साराभाईके जरिये एक बार पहले भी पूछे जानेपर मैंने यही उत्तर दिया था कि मुझे बड़ा खेद है कि मैं आपकी कमेटीके सामने साक्ष्य नहीं दे सकूँगा। इसलिए आशा है, आप इसका अन्यथा नहीं मानेंगे।
हृदयसे आपका,
सर एम॰ वी॰ जोशी
एज ऑफ कन्सेंट कमेटी
कैम्प अहमदाबाद
एज ऑफ कन्सेंट कमेटी
कैम्प अहमदाबाद
अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३५५०) की फोटो-नकलसे।
- ↑ एम॰ वी॰ जोशीके ९ अक्टूबरके पत्र (एस॰ एन॰ १३५४५) के उत्तरमें। पत्र में कहा गया था कि १५ से १९ अक्टूबरतक अहमदाबाद में एज ऑफ कन्सेंट कमेटीका शिविर रहेगा और गांधीजी-से अनुरोध किया गया था कि उस दौरान वे अपनी सुविधानुसार कमेटी के सामने साक्ष्य देनेके लिए उपस्थित हों। इस समितिकी नियुक्ति सरकारने केन्द्रीय विधान सभामें पेश बाल-विवाह विधेयकपर हुई चर्चाके सिलसिले में इस समस्याके सभी पहलुओंपर विचार करने और उनसे विधान सभाको अवगत कराने के लिए की थी।
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