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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
१६ अगस्त: गांधीजी ने सर्वसम्मत नेहरू-रिपोर्टका स्वागत किया। अहमदाबाद में बारडोली-विजयके निहितार्थों पर भाषण दिया।
२० अगस्त: ब्राह्म समाजके शताब्दी-समारोह में भाषण दिया।
२८ अगस्त: नेहरू-रिपोर्ट पर विचार करनेके लिए लखनऊमें सर्वदलीय सम्मेलन हुआ।
३० अगस्त: सर्वदलीय सम्मेलनने भारत में औपनिवेशिक स्वराज्य प्राप्त करनेके पक्षमें नेहरू-समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्टका सर्वसम्मतिसे अनुमोदन किया।
७ सितम्बर: अहमदाबाद में गूंगों और बहरोंकी शालामें, गांधीजी ने भाषण दिया। मोतीलाल नेहरू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके अध्यक्ष चुने गये।
१० सितम्बर: गांधीजी ने अहमदाबादमें टॉल्स्टॉयकी जन्म शताब्दी पर भाषण दिया।
१ अक्टूबर: अहमदाबाद में एनी बेसेंटके जन्म-दिवस पर भाषण दिया।
६ अक्टूबर: डॉ० बेसेंटकी अध्यक्षता में मद्रास-सर्वदलीय सम्मेलन हुआ।
११ अक्टूबर: गांधीजी ने ‘यंग इंडिया’ में प्रकाशित लेख ‘ईश्वर है’ में लिखा: “मुझे एक आभास-सा तो अवश्य होता है कि इस सतत परिवर्तनशील और नाशवान विश्वके पीछे कोई ऐसी चेतन शक्ति है, जो स्वयं अपरिवर्तनशील है, जो कण-कणको एक सूत्रमें बाँधे है, जो सृजन, संहार और नव-सृजन करती रहती है। वह सर्वज्ञ शक्ति ही ईश्वर है। और चूँकि अपने मात्र इन्द्रिय-ज्ञानके बलपर मैं जितनी भी वस्तुओंकी प्रतीति कर पाता हूँ, वे सभी नाशवान हैं, अनित्य हैं, इसलिए एक ईश्वर ही अनश्वर और नित्य है। पूर्णत: सन्तुष्ट करने योग्य कोई भी तर्क मेरे पास नहीं है। आस्था तर्कसे ऊपरकी चीज है।”
२८ अक्टूबर: नवीन गुजराती शाला, अहमदाबाद में भाषण दिया।
३१ अक्टूबर: लाहौर में पुलिस और राष्ट्रवादियों के बीच हुई मारपीटमें लाजपतराय घायल हुए।