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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

करना अधिक अच्छा है । यदि इस समय हमारी गन्दगी कुछ भी छिपाई जायेगी और बादमें प्लेग फैल जायेगा तो मलायी बस्ती भी भारतीय बस्तीकी तरह मिट जायेगी और हम लोगोंको हाथ मलकर बैठ जाना पड़ेगा। इसलिए इस समय जो लोग गन्दगीसे निकलना न चाहते हों उनके नाम घोषित करना, उनके अपने एवं दूसरोंके निजी लाभके लिए कड़वी दवा पिलाने के समान है ।

यहाँके डॉक्टरसे विनती की गई है कि प्लेगके अस्पतालमें किसी भारतीयकी मृत्यु हो तो उसकी खबर हम लोगोंको तुरन्त दी जाये। इस विनतीको उन्होंने स्वीकार किया है। ऐसा करनेका उद्देश्य यह है कि शवके मिल जानेपर उसकी क्रिया धार्मिक रीतिसे की जा सके ।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २८-१-१९०५

२९२. पॉचेफस्ट्रमके भारतीय

एक अन्य स्तम्भमें हम अपने पॉचेफस्ट्रमके संवाददाताका एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण वक्तव्य प्रकाशित करते हैं । सम्मेलनमें दो बिलकुल साफ गलतबयानियाँ की गई थीं। - एक तो पीटर्स- बर्गके बारेमें और दूसरी पॉचेफस्ट्रमके बारेमें। इन दोनों नगरोंके सम्बन्ध में वक्ताओंने साहस- पूर्वक कहा कि भारतीय यूरोपीय व्यापारपर छाये जा रहे हैं और उनकी वर्तमान संख्या युद्धके पहलेकी संख्यासे बहुत ज्यादा है । जहाँतक पीटर्सबर्गका सम्बन्ध है, भ्रान्तिका भंडाफोड़ हो चुका है | श्री क्लाइनेनबर्गने अबतक साबित नहीं किया कि श्री अब्दुल गनीके स्टारमें[१] प्रकाशित वक्तव्य गलत हैं। अब हमें पाँचेफस्ट्रमसे एक विवरण मिला है और यह देखते हुए कि हमारे संवाददाताने शहरकी सीमामें व्यापार करनेवाले वर्तमान ब्रिटिश भारतीय दूकानदारोंके नाम दिये हैं, हम समझते हैं कि जनताको यह विवरण सन्तोषजनक मान लेना चाहिए । हमारे लिए तो यह सन्तोषजनक है ही । अगर यह सच भी हो कि अब पाँचेफस्ट्रममें, या किसी दूसरी जगहमें भी, भारतीय दुकानदारोंकी संख्या पहलेसे अधिक हैं, तो भी इसे कारण उनके अधिकारोंकी जब्ती कदापि नहीं की जा सकती । परन्तु चूंकि ऐसे सनसनीदार वक्तव्य दिये गये हैं, जिनमें सचाई बिलकुल नहीं है, इसलिए जनताके सामने सच्ची बातें पेश करना और भारतीय-विरोधी दलकी अतिशयोक्तियोंसे इस प्रश्नके भारतीय पक्षको हानि पहुँचनेसे बचाना ठीक ही होगा । तथापि, इस सारे मामलेका सबसे दुःखजनक भाग यह है कि जो लोग नेता होने का दावा करते हैं उन्होंने अपने सामने रखे गये मामलोंकी सत्यताकी छानबीन करनेमें भी अपने-आपको नितान्त अयोग्य सिद्ध किया है। साथ ही उन्होंने भारतीय विरोधी दलीलें ढूँढनेकी उत्सुकतामें जो भी कपोल-कल्पना सामने रखी गई वह स्वीकार कर ली है।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २८-१-१९०५

  1. देखिए "पत्र : स्टारको,” दिसम्बर २४, १९०४ के पूर्व ।