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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

 

१९०५

जनवरी १० : डर्बनमें पुस्तकालयके उद्घाटन समारोह में भाषण दिया।
जनवरी १३ : इंडियन ओपिनियनके सम्बन्ध में श्री गोपाल कृष्ण गोखलेको पत्र लिखा और भारतीय बालकोंके लिए एक स्कूल खोलनेका इरादा व्यक्त किया।
फरवरी १७ : पारसी रुस्तमजीके साथ केप टाउन गये; जोहानिसबर्गको रवाना हुए।
मार्च ४ : जोहानिसबर्ग की थियोसॉफिकल सोसाइटीमें हिन्दू धर्मके सम्बन्धमें पहला व्याख्यान दिया।
मार्च ९ : एल॰ डब्ल्यू॰ रिचको विदाई देनेके लिए जोहानिसबर्ग में किये गये समारोह में भाषण दिया।
मार्च ११ : हिन्दू धर्मके सम्बन्धमें दूसरा व्याख्यान।


मार्च १८ : हिन्दू धर्मके सम्बन्ध में तीसरा व्याख्यान।


मार्च २५ : हिन्दू धर्मके सम्बन्ध में चौथा और अन्तिम व्याख्यान।

अप्रैल ७ : नेटाल विधानसभाको उन विधेयकोंके सम्बन्ध में प्रार्थनापत्र भेजा जो "नगरपालिका निगमोंसे सम्बन्धित कानूनके संशोधन और समन्वय" और "बन्दूक आदि शस्त्रोंके प्रयोग" के नियमनके सम्बन्धमें रखे गये हैं।


मई : गांधीजी इन दिनोंके आसपास तमिल भाषा सीख रहे थे।

मई ६ : भारतके भूचाल पीड़ितों की सहायताके लिए धन-संग्रहके प्रयत्न किये।


जून ७ : नये उच्चायुक्त लॉर्ड सेल्बोर्नको मानपत्र भेंट किया।


जून १ : (के बाद) : डर्बन और फीनिक्स बस्ती गये।


जून १६ : डर्बनमें नेटाल भारतीय कांग्रेसकी बैठकमें भाषण दिया।