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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
मार्च १९ : टाउन क्लार्कने मुलाकात की और कहा कि नगर-परिषद कोई आर्थिक दायित्व नहीं ले सकती; अस्पतालकी व्यवस्थाकी और मिट्टीसे चिकित्सा करनेकी प्रेरणा दी; टाउन क्लार्कको बताया कि भारतीय प्लेगका मुकाबला करनेके लिए क्या-क्या कदम उठा रहे हैं।
मार्च २१ : स्टारके प्रतिनिधिने प्लेगकी समस्या पर मुलाकात की।
अप्रैल ५ : प्लेगकी महामारीके सम्बन्ध में जोहानिसबर्ग के अखबारोंको पत्र लिखा; जोहानिसबर्गके स्वास्थ्य-चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ पोर्टरके साथ किया गया पत्र व्यवहार प्रकाशित किया।
अप्रैल १४ : प्लेगके प्रश्नपर रैंड डेली मेलको पत्र लिखा।
अप्रैल १८ : लोक-स्वास्थ्य समितिको क्रूगर्सडॉर्पकी भारतीय बस्तीका तफसीलवार मूल्यांकन भेजा।
अप्रैल २० : प्लेग महारोगके सम्बन्ध में इंडियाको विस्तृत पत्र लिखा।
मई ११ : सर्वोच्च न्यायालयने निर्णय दिया कि १८८५ के कानून ३ में उल्लिखित "निवास" शब्दके अन्तर्गत व्यवसायका स्थान नहीं आता।
सितम्बर ३ (से पूर्व) : ब्रिटिश भारतीय संघकी ओरसे उपनिवेश सचिवको प्रार्थनापत्र भेजा।
सितम्बर ३ : दक्षिण आफ्रिकाके ब्रिटिश भारतीयोंके प्रश्नपर स्टारको पत्र लिखा।
सितम्बर ५ : दादाभाई नौरोजीको पत्र लिखा कि भारतीय प्रश्नसे सम्बन्धित मामले "संकटापन्न स्थिति" में पहुँच चुके हैं।
अक्टूबर १ : इंडियन ओपिनियनकी पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और साथ ही उसका प्रबन्ध भी सँभाला। टोंगाट गये। डर्बनकी यात्रामें रस्किनकी अनटू दिस लास्ट पुस्तक पढ़ी। उसमें निर्दिष्ट आधारपर एक बस्ती बसानेका निश्चय किया।
अक्टूबर १० : डर्बनमें अपने और अन्य भारतीय नेताओंके सम्मानमें आयोजित भोजमें आत्म त्यागपर भाषण दिया।
अक्टूबर १५ : इंडियन ओपिनियनके मालिक श्री मदनजीतको भारत वापस आनेसे पूर्व विदाई देनेके लिए डर्बनमें किये गये समारोह में भाषण दिया।
नवम्बर ३ : लॉर्ड रॉबर्ट्सको मानपत्र देनेकी तारीख पूछने के लिए उपनिवेश सचिव, प्रिटोरियाको तार दिया।
नवम्बर १ : प्रिटोरियामें एशियाई-विरोधी सम्मेलन हुआ जिसमें ब्रिटिश भारतीयोंको उपनिवेश से निकालने के लिए कड़ी कार्रवाई करनेकी माँग की गई।
नवम्बर ११ : लॉर्ड रॉबर्ट्सको मानपत्र दिया।
नवम्बर १७ : ब्रिटिश भारतीयोंकी उस सभामें भाग लिया जो ट्रान्सवालमें एशियाइयोंके प्रवासके सम्बन्धमें आयोजित "सम्मेलन" की कार्रवाईका विरोध करनेके लिए की गई थी। नवम्बर-दिसम्बर : फीनिक्स बस्तीकी स्थापना की।
दिसम्बर ३ : रैंड प्लेग-समितिके आदेशसे जो सामान नष्ट कर दिया गया था उसके हर्जानेकी माँगोंके सम्बन्धमें कार्यवाहक लेफ्टिनेंट गवर्नरको प्रार्थनापत्र भेजा।
दिसम्बर ९ : भारतीयोंके व्यापारिक परवानोंके सम्बन्धमें स्टारको पत्र लिखा।
दिसम्बर १४'" : नेटाल भारतीय कांग्रेसकी बैठकमें परीक्षात्मक मुकदमेके सम्बन्धमें श्री हुंडामलको आर्थिक सहायता देनेका प्रस्ताव किया।
दिसम्बर २४ (से पूर्व) : एशियाई-विरोधी सम्मेलनमें भारतीयोंपर किये गये विद्वेषपूर्ण हमले के जवाबमें स्टारको पत्र लिखा।
दिसम्बर २४ : फीनिक्स बस्तीसे इंडियन ओपिनियनका पहला अंक निकाला।