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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 5.pdf/११९

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९९. चीनी और अमेरिकी

चीनियों द्वारा अमेरिकी मालके बहिष्कारके फलस्वरूप अमेरिकाको प्रायः ५०,००,००० पौंडका नुकसान हो चुका है, ऐसा प्रतीत होता है। इससे अमेरिकी व्यापारियोंने सरकारसे प्रार्थना की है कि चीनियोंके खिलाफ जो कानून है वे रद कर दिये जायें। इसके विरोधमें अमेरिकाके मजदूर-वर्गके लोगोंने बड़ी-बड़ी सभाएँ करके प्रस्ताव स्वीकार किये हैं कि व्यापारियोंको चाहे कितना ही नुकसान क्यों न हो, चीनियोंके खिलाफ बनाये गये कानून रद नहीं किये जाने चाहिए। इस प्रकार अमेरिकामें एक ओर व्यापारियों और कारीगरोंके बीच फूट चल रही है और दूसरी ओर तारों द्वारा प्राप्त समाचारोंसे पता चलता है कि चीनियोंने जो ऐक्य कायम किया है, वह और भी मजबूत होता जा रहा है। चीनियोंने जो प्रस्ताव किया है वह उन सब देशोंके सम्बन्धमें है, जिनमें चीनी-विरोधी कानून लागू हैं। यह भी कहा जाता है कि गोरोंके विरुद्ध दुर्भावना इस हद तक भड़क उठी है कि चीनके अन्दरूनी भागोंमें जिन गोरोंकी रिहाइश है उनके लिए खतरा मालूम दे रहा है। कहा नहीं जा सकता कि इन सारे आन्दो- लनोंका क्या परिणाम होगा।

उन्नीसवीं शताब्दीमें जो बड़े-बड़े काम हुए माने जाते हैं उन सबकी कसौटी इस बीसवीं शताब्दीमें हो रही है। और ऐसा प्रतीत होता है कि इस शताब्दीमें बहुत बड़ी उथल-पुथल होनेकी सम्भावना है। इस सारी हलचलमें यह बात दिखाई देती है कि जहाँ ऐक्य है, वहीं बल है और वहींपर जीत है। यह बात ऐसी है जो प्रत्येक भारतीयको अपने मनमें अंकित कर लेनी चाहिए। चीनी कमजोर होनेपर भी ऐक्यके कारण बलवान दिखाई देते हैं और " चींटियाँ मिलकर काले नागके भी प्राण ले लेती है", इस कहावतको चरितार्थ कर रहे हैं।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, ३०-९-१९०५

१००. नेटालमें उद्योगोंको प्रोत्साहन देनेका आन्दोलन

गवर्नर द्वारा नियुक्त आयोग

इस बारके 'गवर्नमेंट गज़ट से पता चलता है कि नेटालमें एक आयोगकी नियुक्ति की गई, है जो यह बतायेगा कि नेटालमें जो-जो वस्तुएँ खपती हैं, वे कैसे बनाई जा सकती है और इसके लिए क्या-क्या उपाय करने चाहिए तथा इस प्रकार उत्पन्न की गई वस्तुओंकी खपतको बढ़ावा देनेके लिए चुंगीकी दरमें परिवर्तन किया जाये या नहीं। इस आयोगमें सदस्योंके रूपमें श्री मूअर, डॉ० गबीन्स, श्री अरनेस्ट ऐक्ट, श्री जेम्स किंग, श्री जॉर्ज पेइन, श्री साँडर्स और श्री मैकेलिसकरकी नियुक्ति की गई है। हम समझते है कि इस आयोगके सामने हमारे व्यापारी गवाही दें तो बहुत अच्छा हो। ऐसी बहुत-सी चीजें हैं जो नेटालमें पैदा की जा सकती है और अनुभवी व्यापारी इस दिशामें सहायता कर सकते हैं।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, ३०-९-१९०५

१. चीनी मजदूरोंका प्रवेश रोकनेके लिए बनाये गये ।