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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 5.pdf/३३१

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जहाजसे नेटालमें उतरनेवाले भारतीयोंको सूचना

रहने के लिए कोई उन्हें विवश नहीं कर रहा है। अगर अपने जीवनकी रक्षाके लिए हजारों लोगोंकी तरह वे भी अपनी जगह छोड़कर भाग खड़े हों, तो कोई उन्हें कुछ कहनेवाला नहीं है। फिर भी उन्होंने वहाँसे हटनेसे इनकार कर दिया है। जब दक्षिण आफ्रिकामें अथवा भारत में ऐसा करनेवाले भारतीय बड़ी संख्या में पैदा होंगे, तब हमारे कष्टोंकी अवधि बहुत लम्बी नहीं रहेगी।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २१-४-१९०६
 

३०४. विलायत जानेवाला भारतीय शिष्टमण्डल

नेटाल भारतीय कांग्रेस द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव हम पिछले हफ्ते छाप चुके हैं। कांग्रेस भवन खचाखच भरा था और लोग बड़ा उत्साह दिखा रहे थे। कांग्रेसके कार्यकर्ताओंके लिए यह गौरवकी बात है। आजकल नया उदारदलीय (लिबरल) मन्त्रिमण्डल शासन कर रहा है। अपने दुःखकी कहानी सुनानेके लिए उसके पास जाना बहुत अच्छी बात है। लेकिन हमें लगता है कि यह शिष्टमण्डल, जो आयोग यहाँ आनेवाला है, उसके आ जानेके बाद जा सकता है। दूसरे, अगर शिष्टमण्डल जाता है, तो हम जानते हैं कि कमसे कम तीन व्यक्तियोंका जाना जरूरी है। इससे वजन पड़ेगा और मन्त्रिमण्डल ठीकसे बात सुनेगा। ऐसे काम बिना पैसेके नहीं हो सकते। इसमें कुछ लोगोंकी मदद और काफी पैसा खर्च करनेकी जरूरत है। इस सारे कामके लिए समूचे दक्षिण आफ्रिकाके भारतीय मदद करें तभी कुछ हो सकता है।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २१-४-१९०६
 

३०५. जहाजसे नेटालमें उतरनेवाले भारतीयोंको सूचना

हम प्रायः देखते हैं कि हकदार भारतीयोंको जहाजसे डर्बन बन्दरगाहपर उतरनेमें बड़ी कठिनाईका सामना करना पड़ता है। इस सम्बन्धकी कुछ कठिनाइयाँ लोग आसानीसे दूर कर सकें, इस विचारसे हम नीचे लिखी सिफारिशें करते हैं:

कानूनन जो मनुष्य नेटालका निवासी है, उसकी स्त्रीको आनेमें जरा भी अड़चन नहीं होनी चाहिए। लेकिन प्रवासी-अधिकारी किसी स्त्रीको तभी उतरने देता है, जब वह उस निवासी के साथ अपने विवाहका कानूनी सबूत पेश कर दे। इसलिए जिसकी स्त्री आनेवाली हो, उसे पहलेसे हलफनामा लिखकर उसपर प्रवासी अधिकारीके हस्ताक्षर प्राप्त करके तैयार रखना चाहिए। ऐसा करनेसे स्त्रीको जहाजके आते ही उतारा जा सकेगा।

यही कार्रवाई बच्चोंके लिए भी करनी चाहिए। हलफनामा दाखिल करनेवाले पिताको याद रखना चाहिए कि लड़के या लड़कीकी उमर सोलह सालके अंदर होनी चाहिए। लड़केकी अथवा लड़कीकी उमर इतनी है, इस आशयका हलफनामा दाखिल करा लेना ही काफी नहीं माना जाता। क्योंकि उस उमरको मानना या न मानना प्रवासी अधिकारीपर निर्भर करता है। अतएव अगर दिखने में ही लड़के या लड़कीकी उम्र १६ सालसे ऊपरकी लगती हो, तो हलफ-