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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

कुमारी टेलरका पता नहीं जानता। परन्तु मैं जोहानिसबर्ग में अपने लोगोंको लिख रहा हूँ[१] कि वे उनका पता आपको भेज दें।

आपका सच्चा,

श्री एच० बिसिक्स
८३, कमर्शियल रोड
ब्लैक फ्रायर्स, ई० सी०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ४४६०) से।

७९. पत्र: लॉर्ड एलगिनके निजी सचिवको

सेवामें
निजी सचिव
परमश्रेष्ठ परममाननीय अर्ल ऑफ एलगिन
महामहिमके मुख्य उपनिवेश-मन्त्री
लन्दन

महोदय,

होटल सेसिल
लन्दन, डब्ल्यू० सी०
नवम्बर २, १९०६

चूँकि मैं ट्रान्सवाल भारतीय शिष्टमण्डलके सदस्यकी हैसियतसे यहाँ आया हुआ हूँ, नेटाल भारतीय काँग्रेसने नेटालके ब्रिटिश भारतीयों की स्थानीय निर्योग्यताओंके बारेमें लॉर्ड महोदयकी सेवा में उपस्थित होनेके लिए मुझे संलग्न अधिकारपत्र[२] भेजा है। लगभग ६ वर्षसे ऊपर मैं कांग्रेसका अवैतनिक मन्त्री रहा हूँ और अपने जोहानिसबर्ग निवास के दौरानमें मुझे कांग्रेसको सलाह देनेका सौभाग्य प्राप्त रहा है। इस तरह नेटालकी स्थितिके बारेमें मुझे काफी निकटका ज्ञान है।

२९ अक्तूबरको मुझे निम्नलिखित तार मिला:

परवानोंका नया किया जाना केवल संसदीय मतदाताओं तक ही सीमित करनेके बारेमें टैथमका खतरनाक विधेयक विधान-सभामें पेश। व्यापारिक स्वतंत्रता खतरेमें। उपनिवेश कार्यालय और ब्रिटिश जनताको समझाइए। सन्देश प्रातिनिधिक सभा द्वारा अनुमोदित।

इस सन्देशमें उस विधेयकका उल्लेख है जिसे नेटाल विधान-सभाके नये सदस्य श्री रैल्फ टैथम द्वारा पेश किये जानेका प्रस्ताव किया गया है। विधेयकके अनुसार केवल उन्हीं लोगोंके व्यापारिक परवाने नये किये जायेंगे जिनके नाम संसदकी मतदाता सूची में हैं। यदि विधेयक

  1. देखिए "पत्र: हेनरी एस० एल० पोल्कको ", पृष्ठ ६९-७० ।
  2. भूलसे गांधीजी यह अधिकार-पत्र पत्रके साथ नहीं भेज पाये। देखिए "पत्र: लॉर्ड एलगिनके निजी सचिवको", पृष्ठ १०९-१० ।