पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 6.pdf/१११

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८२. पत्र: ए० बॉनरकी पेढ़ीको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर २, १९०६

प्रिय महोदय,

मैं इस पत्रके साथ ६ पौं० १७ शि० का चेक और आपका बिल आपके हिसाबके भुगतानेके लिए भेज रहा हूँ। मैं आपका कृतज्ञ होऊँगा, यदि आप बिलपर प्राप्ति स्वीकार दर्ज करके उसे वापस कर देंगे।

आपका विश्वस्त,

संलग्न: २
चेक, पौं० ६-१७-०
हिसाब

ए० बॉनरकी पेढ़ी
[१] १ और २, टुक्स कोर्ट
लन्दन, ई० सी०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एच० ४४६४) से।

८३. पत्र: सर हेनरी कॉटनको

होटल सेसिल
लन्दन
नवम्बर २, १९०६

प्रिय सर हेनरी,

श्री स्कॉट, श्री रॉबर्ट्सन और श्री मैकारनिसने सुझाव दिया है कि भारतीय प्रतिनिधियोंके विचार जानने के लिए संसदमें सदस्योंकी एक सभा बुलाई जाये। इस सुझावको सर विलियम पसन्द करते हैं। मुझे लगता है कि लॉर्ड एलगिनने शिष्टमण्डलसे मिलनेके लिए जो तारीख निश्चित की है, उससे पहले यदि ऐसी सभा हो सके और यदि सभा शिष्टमण्डलके उद्देश्योंसे सहानुभूतिका कोई प्रस्ताव पास कर ले तो उससे शिष्टमण्डलके और लॉर्ड एलगिनके भी हाथ मजबूत होंगे। इसलिए मैंने श्री स्कॉटको इस बारेमें लिखा है। यदि आप इस विचारको

  1. इंडिया के मुद्रक। अनुमान है कि जब गांधीजी इंग्लैंडमें थे, अपना छपाईका काम इन्हीके छापाखाने में करवाते थे।