पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 6.pdf/११९

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९३. पत्र: नेटाल बैंकके प्रबन्धकको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर ३, १९०६

सेवामें
प्रबन्धक
नेटाल बैंक
लन्दन

प्रिय महोदय,

पत्रवाहक श्री रिचको १०० पौंड का ड्राफ्ट जोहानिसबर्गके लिए भरकर देनेकी कृपा करेंगे। उसके बाद मैं उसपर हस्ताक्षर करके अपने खाते में डालने के लिए आपके पास भेज दूँगा।

आपका विश्वासपात्र,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ४४७४) से ।

९४. पत्र: अल्बर्ट कार्टराइटको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर ३, १९०६

प्रिय महोदय,

आज कोई श्रीमती रीड मुझसे मिलने आई थीं। वे बहुत बीमार जान पड़ती थीं। उन्होंने जो कुछ कहा, उस सबको मैं समझ नहीं सका। और चूँकि वे बहुत घबराई हुईं जान पड़ती थीं, मैंने उनसे कोई प्रश्न भी नहीं किया। उन्होंने आपका नाम लिया और कोई कागज भी दिखाया, जिसपर आपका नाम था। मुझे लगता है, उन्हें कुछ मदद चाहिए। अगर आप उनका मामला जानते हों अथवा आपको उनके मामले में दिलचस्पी हो, तो मुझे इस विषयमें कुछ बतानेकी कृपा करें।

आपका विश्वासपात्र,

श्री अल्बर्ट कार्टराइट
[१] ६२, लन्दन वॉल, ई० सी०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० ४४७५) से।

  1. बादमें ट्रान्सवाल लीडरके सम्पादक। उन्होंने गांधीजी और स्मट्सके बीच मध्यस्थताकी थी। देखिए दक्षिण आफ्रिकाके सत्याग्रहका इतिहास, अध्याय २१.