पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 6.pdf/११८

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९१. पत्र: ए० डब्ल्यू० अराथूनको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर ३, १९०६

प्रिय महोदय,

श्री रिचने आपका कृपापत्र दिया। मैंने संघकी[१] मारफत कल श्री थॉर्नटनके नाम कागज भेज़े थे।[२] आशा है, आपने उनको दिगन्तरित कर दिया होगा। आप इस मामलेमें जो दिलचस्पी ले रहे हैं उसके लिए मैं बहुत कृतज्ञ हूँ। मैं आज फिर श्री थॉर्नटनको लिखकर अपने कलके पत्रकी पुष्टि कर रहा हूँ।

आपका सच्चा,

श्री ए० डब्ल्यू० अराथून
३, विक्टोरिया स्ट्रीट, एस० डब्ल्यू०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० ४४७२) से।

९२. पत्र: एफ० एच० ब्राउनको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर ३, १९०६

प्रिय श्री ब्राउन,

लॉर्ड एलगिनको जो निवेदनपत्र भेजा गया है, उसकी दो प्रतियाँ आपके देखनेके लिए संलग्न करने की धृष्टता कर रहा हूँ। ८ तारीखको होनेवाली भेंटमें जो चर्चाकी जायेगी, यह निवेदन उसके आधारकी तरह काममें आयेगा।

आपका सच्चा

संलग्न: २
श्री एफ० एच० ब्राउन

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० ४४७३) से।

  1. पूर्व भारत संघ ।
  2. देखिए "पत्र: टी० एच० थॉर्नटनको", पृष्ठ ७७।