पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 6.pdf/१२९

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१०६. पत्र: जी० जे० ऐडमको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर ५, १९०६

प्रिय श्री ऐडम,

मैं आपके सूचनार्थ ब्रिटिश लोकसभाके कुछ सदस्यों द्वारा लिखित परिपत्र संलग्न कर रहा हूँ।

आप शायद अखबारोंमें यह सूचना भेज देनेकी कृपा करेंगे।

आपका विश्वस्त,

[संलग्न:]

श्री जी० जे० ऐडम
२४, ओल्ड ज्यूरी

लन्दन, ई० सी०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ४४९०) से ।

१०७. पत्र: लॉर्ड एलगिनको[१]

२२ कैनिंगटन रोड
लैम्बेथ
नवम्बर ५, १९०६

सेवामें

परममाननीय अर्ल ऑफ एलगिन
महामहिमके प्रधान उपनिवेश मन्त्री
उपनिवेश कार्यालय
लन्दन

महोदय,

मैं आपका ध्यान इस पत्रके साथ संलग्न 'इंडियन ओपिनियन' की १३ अक्तुबरकी प्रतिकी ओर आकर्षित करता हूँ। इसमें "छिगुनीसे पहुँचा" (दि थिन एंड) शीर्षकका वह सम्पादकीय

  1. '२२ फैनिंगटन रोड' से ऐसा लगता है कि यह पत्र दादाभाई नौरोजीने लिखा होगा; पर इसकी प्रति गांधीजीके कागजातमें मिली। नवम्बर १७ को दादाभाई नौरोजीको लिखे गये गांधीजी के पत्र (देखिए पृष्ठ १९०) से स्पष्ट है कि जिन दिनों शिष्टमण्डल इंग्लैंडमें था, दादाभाई दक्षिण आफ्रिकासे आये हुए तमाम कागजात गांधीजीको भेज दिया करते थे। गांधीजी इन कागजातपर टिप्पणी देकर या उनका स्पष्टीकरण करके लौटा दिया करते थे। तभी वे आगे कार्रवाई के लिए सुझाव भी दे दिया करते थे। इस प्रकार सम्भव है कि दक्षिण आफ्रिकाकी स्थितिका अद्यतन परिचय होनेके कारण गांधीजीने ही इस पत्रका मसविदा तैयार किया हो।
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