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१३०. शिष्टमण्डल : लॉर्ड एलगिनकी सेवामें[१]

उपनिवेश कार्यालय,
बृहस्पतिवार, नवम्बर ८, १९०६

(गोपनीय)

दक्षिण आफ्रिकी ब्रिटिश भारतीय प्रजाकी ओरसे परममाननीय अर्ल ऑफ एलगिनसे मिलनेवाले एक शिष्टमण्डलकी कार्रवाई

शिष्टमण्डल में निम्नलिखित सज्जन थे :—

लॉर्ड स्टैनले ऑफ ऐल्डर्ले
श्री हा॰ व॰ अली
श्री गांधी
ट्रान्सवालसे आये हुए प्रतिनिधि
सर लेपेल ग्रिफिन, के॰ सी॰ एस॰ आई॰
श्री जे॰ डी॰ रोज़, सी॰ आई॰ ई॰, संसद सदस्य
सर जॉर्ज बर्डवुड, के॰ सी॰ एस॰ आई॰
सर हेनरी कॉटन, के॰ सी॰ एस॰ आई॰, संसद सदस्य
श्री नौरोजी
सर मं॰ भावनगरी, के॰ सी॰ आई॰ ई॰
श्री अमीर अली
सर हैरॉल्ड कॉक्स, संसद सदस्य
श्री थॉर्नटन, सी॰ एस॰ आई॰

अर्ल ऑफ एलगिन : सज्जनो, मैं कहना चाहता हूँ कि मैंने इस भेंटको निजी रूप दिया, क्योंकि मैंने इस तरह की दूसरी बैठकोंके अनुभव के बलपर यह सोचा है कि हम सार्वजनिक संवाददाताओं की अनुपस्थिति में मेजपर आमने-सामने मित्र भावसे अधिक अच्छी चर्चा कर सकेंगे; साथ ही यह बात मैं अच्छी तरहसे जानता हूँ कि शिष्टमण्डल मामलोंपर तफसीलसे बातचीत करना चाहता है और इसलिए जो बातचीत हो उसे लेखबद्ध करनेका मैंने इन्तजाम कर रखा है।

इसके बाद मैं एक और बात कहना चाहूँगा। शिष्टमण्डल में मुझे कुछ ऐसे लोग दिखाई पड़ रहे हैं जिनके साथ मुझे भारतमें काम करनेका सौभाग्य मिला था। मुझे आशा है कि यदि शिष्टमण्डलको यह बात समझाने की जरूरत रही हो तो उन्होंने उसे यह बात समझा दी होगी कि मेरी भावना ब्रिटिश भारतीयोंके हित के लिए जितना बने उतना करने की है। (साधु! साधु!)।

  1. हमारे साधनसूत्र कलोनियल ऑफिस रेकर्ड्स हैं किन्तु इसके अपूर्ण पाठ गांधीजीकी टाइप की हुई दफ्तरी प्रति एस॰ एन॰ ४५१२ तथा दक्षिण आफ्रिकी नीली पुस्तिका सी॰ डी॰ ३३०८ में भी मिलते हैं।